हे महामाई मोर दुर्गा दाई
💐🙏🏻शीर्षक - हे महामाई मोर दुर्गा दाई हे आदि सक्ति,हे जग जननी, मैं तोर सरन म आये हव l मोला तै हर तार देना दाई, ये भव सागर लें उबार लेना l हे...... महामाई... मोर दुर्गा दाई......... हे शैल सुता हे नवदुर्गा दाई, तोर नव रूप के करव पूजा l तोला छोड़ के जगदम्बा दाई, बता मै हर मनावव अब काला l हे..... महामाई...... मोर दुर्गा दाई........ तोला छोड़ अपन सुख - दुखल मै हर अउ काला सुनावव l कर किरपा हे मोर मात भवानी, तोर दरस के वर दे हे वरदानी l हे..... महामाई...... मोर दुर्गा दाई........ मोर आस ल बिस्वास बना दे, तोर सरन म जघा दे मोला दाई l सुन ले मोर तै बिनती हे माई, सबके कलियान कर कलियानी दाई l हे..... महामाई...... मोर दुर्गा दाई........ चइत अउ कुआँर म तै आथच दाई, जगत के दुख हरके सुख पहुंचाथच l तहीं कालरातरी तही कुसमांडा दाई, हे कात्यायनी,चंद्रघण्टा, चमुण्डा दाई l हे..... महामाई...... मोर दुर्गा दाई........ नई जानव मैं हर पूजा पाही, मैं निचट, अधम अगियानी हव l भूल चूक क्षमा कर देबे दाई, मै तोरेच बनाये परानी अव l हे..... महामाई...... मोर दुर्गा दाई........ लोकेश्वरी कश्यप मुंगेली (छत्तीस...