ईर्ष्या

🙏🏻ईर्ष्या

सह ना सके
पराई उन्नति जो
ईर्ष्यालु होते
मन में है कुढ़ते


रहते नहीं
कभी चैन से लोग
खून जलाते
लेते ईर्ष्या का रोग


पराई खुशी
सहन होती नहीं
मन दुखता
पर खुशियां देखे


स्वहित भूल
खुशी लगाते दांव
वक्त गंवाते
अपनी उन्नति का


ईर्ष्यालु लोग
गड़े रहे कीच में
कर्म से हीन
मानव बड़ा दीन


बने जग में
ये उपहास पात्र
धर्म विमुख
हो करते कार्य ये
है जो ईर्ष्यालु लोग



लोकेश्वरी कश्यप
जिला मुंगेली, छत्तीसगढ़
21/04/2022

Comments

Popular posts from this blog

स्कूली शिक्षा आज और कल में अंतर

तकदीर का लिखा

प्रतिवेदन श्रंखला (2)