प्रेम
💐शीर्षक प्रेम
रिश्ता बनाए रखने के लिए प्रेम जरूरी है l
जहां प्रेम है वहां विश्वास है l
जहाँ विश्वास है वहां समर्पण है l
प्रेम में कोई स्वार्थ नहीं होता है l
प्रेम स्वतः ही परमार्थ होता है l
जहां प्रेम है वहां सदभाव है l
सदभाव में ही कल्याण है l
रिश्ता बनाए रखने के लिए प्रेम जरुरी है
प्रेम जीवन का आधार है l
प्रेम परमात्मा का उपहार है l
प्रेम एक पवित्र एहसास है l
प्रेम अपनेपन का राज है l
प्रेम दिलों का सरताज है l
प्रेम समर्पण का आधार है l
रिश्ता बनाए रखने के लिए प्रेम जरूरी है l
प्रेम फूलों की खुशबू,प्रेम बसंत की ऋतु है l
प्रेम सूरज की किरण,प्रेम चंद्रमा की शीतलता है l
प्रेम धरती की सहनशक्ति,आकाश की निर्मलता है l
प्रेम जल की मिठास,प्रेम जीवन वायु स्वास हैl
लोकेश्वरी कश्यप
जिला मुंगेली छत्तीसगढ़
02/05/2022
रिश्ता बनाए रखने के लिए प्रेम जरूरी है l
जहां प्रेम है वहां विश्वास है l
जहाँ विश्वास है वहां समर्पण है l
प्रेम में कोई स्वार्थ नहीं होता है l
प्रेम स्वतः ही परमार्थ होता है l
जहां प्रेम है वहां सदभाव है l
सदभाव में ही कल्याण है l
रिश्ता बनाए रखने के लिए प्रेम जरुरी है
प्रेम जीवन का आधार है l
प्रेम परमात्मा का उपहार है l
प्रेम एक पवित्र एहसास है l
प्रेम अपनेपन का राज है l
प्रेम दिलों का सरताज है l
प्रेम समर्पण का आधार है l
रिश्ता बनाए रखने के लिए प्रेम जरूरी है l
प्रेम फूलों की खुशबू,प्रेम बसंत की ऋतु है l
प्रेम सूरज की किरण,प्रेम चंद्रमा की शीतलता है l
प्रेम धरती की सहनशक्ति,आकाश की निर्मलता है l
प्रेम जल की मिठास,प्रेम जीवन वायु स्वास हैl
लोकेश्वरी कश्यप
जिला मुंगेली छत्तीसगढ़
02/05/2022
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