माया

💐शीर्षक - माया 

जन्म देती है सारे मोह को,
यह माया बड़ी मायावी  है भैया l
मुन्ना हो चाहे वो हो मुनिया,
धन के पीछे भाग रही दुनिया  l


भूल कर के सारे सत्कर्म मानव,
जकड़ा हुआ है लालच के फेर में भैया l
धन के चकाचौंध में गुम हो रहा,
गांव का भोला मानस और सहरिया l


यही कि माया यह यहीं रह जाएगी,
साथ किसी के यह ना जाएगा भैया  l
कमाते -कमाते धन और दौलत,
निकली जा रही है सबकी उमरिया  l


राम नाम लेने की सब सुधी,
भूल बैठे बाप हो चाहे हो मैया l
नाच नचाए चौसठ यह सब को,
नाचे दुनिया सारी बनकर बंदरिया  l


जप ले तु प्रभु का नाम,
कर ले तू नेक काम भैया l
माया की गठरी छूटेगी यहीं,
जोड़ तु सत्कर्मों की पोटलिया l



धन की सद्गति होती तभी,
नेकी के काम आए जब यह भैया l
इसका करें सदुपयोग हम,
पकड़ कर सेवा धर्म की डगरिया  l


लोकेश्वरी कश्यप
जिला मुंगेली , छत्तीसगढ़
30/04/2022

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