अंशिका की बाल कविताएं 5. सूरज दादा



शीर्षक- सूरज दादा 

आओ प्यारे सूरज दादा l
बड़े सवेरे तुम आ जाते  l
सर्दियों में अपनी किरणों से ठंड को भगाते हो l
करते हो अपनी मनमानी l
गर्मियों में सबको झुलसाते हो l
आओ प्यारे सूरज दादा जग से न्यारे सूरज दादा  l

कु.अंशिका कश्यप
कक्षा 7वी
शासकीय माध्यमिक शाला सूरजपुराकला
विकास खण्ड पंडरिया
जिला कबीरधाम

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