(बाल कहानी)- मकड़ी का झूला
बाल पत्रिका हेतु कहानी 2
कहानी - मकड़ी का झूला
बहुत समय पहले की बात है l पहले मकड़ियाँ जाले नहीं बना सकती थी l जब वें पक्षियों को पेड़ों की शाखाओं में झूलते हुए देखती थी,तो उनको बहुत अच्छा लगता था l उनका भी मन करता था कि, वह भी उनकी तरह झूला झूलनें का आनंद लें l सभी मकड़ियों ने ब्रह्मा जी को खुश करने के लिए बहुत कठिन तपस्या की l तब ब्रह्मा जी ने उन्हें आशीर्वाद दिया l अब से तुम सब खुद अपने हाथों से झूला बना पाओगी और झूले का आनंद ले पाओगी l तब से मकड़ियाँ जाला बुनने लगी और झूले का आनंद लेने लगी l
लोकेश्वरी कश्यप
सहायक शिक्षक (L. B.)
शासकीय प्राथमिक शाला सिंगारपुर
विकास खण्ड - मुंगेली
जिला -मुंगेली, छत्तीसगढ़
20/05/2022
बहुत समय पहले की बात है l पहले मकड़ियाँ जाले नहीं बना सकती थी l जब वें पक्षियों को पेड़ों की शाखाओं में झूलते हुए देखती थी,तो उनको बहुत अच्छा लगता था l उनका भी मन करता था कि, वह भी उनकी तरह झूला झूलनें का आनंद लें l सभी मकड़ियों ने ब्रह्मा जी को खुश करने के लिए बहुत कठिन तपस्या की l तब ब्रह्मा जी ने उन्हें आशीर्वाद दिया l अब से तुम सब खुद अपने हाथों से झूला बना पाओगी और झूले का आनंद ले पाओगी l तब से मकड़ियाँ जाला बुनने लगी और झूले का आनंद लेने लगी l
लोकेश्वरी कश्यप
सहायक शिक्षक (L. B.)
शासकीय प्राथमिक शाला सिंगारपुर
विकास खण्ड - मुंगेली
जिला -मुंगेली, छत्तीसगढ़
20/05/2022
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