कहानी मैं - मैं की
बच्चों की बाल पुस्तिका हेतु कहानी 1
कहानी - मैं - मैं की
पहले के जमाने में बकरियाँ इंसानों की तरह बात करती थी l तब एक सफेद रंग की बकरी थी l वह बहुत सुंदर दिखती थी l उसे अपनी सुंदरता पर बहुत घमंड था l वह हर समय अपनी सुंदरता का बखान खुद करती फिरती थी l जैसे कि,मैं दुनियाँ की सबसे सुन्दर बकरी हूँ l मैं बहुत सुरीला गाती हूँ l मैं बहुत ऊँची छलांगे लगाती हूँ आदि आदि l उसकी मैं - मैं से परेशान होकर सब जानवरों नें मिलकर ब्रम्हा जी से उसकी शिकायत कर दी l ब्रह्मा जी नें गुस्सा होकर उसे श्राप दे दिया की,अब से तुम सिर्फ मैं - मैं ही बोल पाओगी और कुछ नहीं l तब से बकरीयाँ मैं - मैं ही बोलती है l
लोकेश्वरी कश्यप
सहायक शिक्षक एलबी
शासकीय प्राथमिक शाला सिंगारपुर
विकासखंड मुंगेली
जिला मुंगेली छत्तीसगढ़
7869625137
पहले के जमाने में बकरियाँ इंसानों की तरह बात करती थी l तब एक सफेद रंग की बकरी थी l वह बहुत सुंदर दिखती थी l उसे अपनी सुंदरता पर बहुत घमंड था l वह हर समय अपनी सुंदरता का बखान खुद करती फिरती थी l जैसे कि,मैं दुनियाँ की सबसे सुन्दर बकरी हूँ l मैं बहुत सुरीला गाती हूँ l मैं बहुत ऊँची छलांगे लगाती हूँ आदि आदि l उसकी मैं - मैं से परेशान होकर सब जानवरों नें मिलकर ब्रम्हा जी से उसकी शिकायत कर दी l ब्रह्मा जी नें गुस्सा होकर उसे श्राप दे दिया की,अब से तुम सिर्फ मैं - मैं ही बोल पाओगी और कुछ नहीं l तब से बकरीयाँ मैं - मैं ही बोलती है l
लोकेश्वरी कश्यप
सहायक शिक्षक एलबी
शासकीय प्राथमिक शाला सिंगारपुर
विकासखंड मुंगेली
जिला मुंगेली छत्तीसगढ़
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