अधूरा
💐शीर्षक - अधूरा
मैं रह गई अधूरी,
रह गई मेरी हर चाहत अधूरी l
कृष्णा तेरा साथ मिला
तेरा साथ मिला वह भी अधूरा l
मिला प्रेम अधूरा,
मेरा तेरा साथ अधूरा l
अरमान तो बहुत है इस दिल में,
पर हर अरमान मेरी रह गई अधूरी l
सपने देखे थे क्या क्या ना पा लूंगी मैं,
हौसलों की उड़ान भी भरपूर रही मेरी l
पर अपनों ने ही मेरे पंख कुछ इस तरह से कुतरे,
अधूरे पंखों से परवाज मेरी रह गई अधूरी l
कई सुनहरे सपने सजाए थे इन आंखों में,
मेरे सारे सपने रह गई अधूरे l
कुछ वक्त ने भी चाल ऐसी चली,
किनारे पर आते-आते कश्ती मेरी डूब गई l
कृष्णा तू ने साथ दिया तो बहुत मेरा,
पर तेरा साथ भी मिला मुझे अधूरा l
तेरे सपने मेरी आंखों में झीलमिलाने लगे,
दिल में दब के रह गए मेरे सपने अधूरे l
प्यार भी मिला तो मिला अधूरा,
क्या मेरा कोई सपना कभी होगा पूरा l
अरमानों की अर्थी कंधे पर उठाये चल रही हूं,
कृष्णा तेरे साथ बिना मेरी जिंदगी रहेगी अधूरी l
लोकेश्वरी कश्यप
जिला मुंगेली छत्तीसगढ़
14/04/2022
मैं रह गई अधूरी,
रह गई मेरी हर चाहत अधूरी l
कृष्णा तेरा साथ मिला
तेरा साथ मिला वह भी अधूरा l
मिला प्रेम अधूरा,
मेरा तेरा साथ अधूरा l
अरमान तो बहुत है इस दिल में,
पर हर अरमान मेरी रह गई अधूरी l
सपने देखे थे क्या क्या ना पा लूंगी मैं,
हौसलों की उड़ान भी भरपूर रही मेरी l
पर अपनों ने ही मेरे पंख कुछ इस तरह से कुतरे,
अधूरे पंखों से परवाज मेरी रह गई अधूरी l
कई सुनहरे सपने सजाए थे इन आंखों में,
मेरे सारे सपने रह गई अधूरे l
कुछ वक्त ने भी चाल ऐसी चली,
किनारे पर आते-आते कश्ती मेरी डूब गई l
कृष्णा तू ने साथ दिया तो बहुत मेरा,
पर तेरा साथ भी मिला मुझे अधूरा l
तेरे सपने मेरी आंखों में झीलमिलाने लगे,
दिल में दब के रह गए मेरे सपने अधूरे l
प्यार भी मिला तो मिला अधूरा,
क्या मेरा कोई सपना कभी होगा पूरा l
अरमानों की अर्थी कंधे पर उठाये चल रही हूं,
कृष्णा तेरे साथ बिना मेरी जिंदगी रहेगी अधूरी l
लोकेश्वरी कश्यप
जिला मुंगेली छत्तीसगढ़
14/04/2022
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