झरना

💐शीर्षक -झरना

अपनी ही धून में, अपनी ही मस्ती में,
झर- झर, झर - झर, बहता जाये झरना l
गिर जाओ अगर तुम पथ पर फिर भी,
हार कभी न मानना,हमसे कहता झरना l


आये चाहे लाख बधाये तुम्हारी राहों में,
उनसे डरकर तुम कभी कहीं रुकना नहीं l
मेरी तरह तुम भी अपनी मंजिल की धुन में,
बढ़ना आगे बेहिचक,हमसे कहता झरना l


ऊँची - नीची, उबड़ -खाबड़ इन राहों में,
जिंदगी की राहों में हमें चलना तो पड़ेगा l
फिर क्यों रोकर खोना कीमती लम्हों को,
खुलकर जी लो इनको, हमसे कहता झरना l


कैसी हार गिरने में,हौसला बढ़ता संभलने में,
गिरकर संभलने में भी सुकून भरा सुख होगा l
सफलता,असफलता है बस खेल नजरिये का,
सही नजरिया अपनाओं, हमसे कहता झरना l


बिखर गये तो क्या,पुनः समेटो तुम खुद को,
खुद को और जरा मजबूत तुम बनाओ l
हर बार पहले से और निखरे नजर आओगे,
खुद से जब प्रेम करोगे,हमसे कहता झरना l


जीवन के हर लम्हें को,जी लो तुम मस्ती में,
जाने कब किसी पल,मिट जाये तुम्हारी हस्ती l
खुलकर जी लो तुम्हारे अंदर के बचपन को,
हमेशा मस्त रहता बचपन,हमसे कहता झरना l


लोकेश्वरी कश्यप
जिला मुंगेली छत्तीसगढ़
15/05/2022

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