रेल की पटरी

💐शीर्षक - रेल की पटरी

तेरा मेरा साथ ऐसा,जैसे हो रेल की पटरी  l
जो अलग अलग है फिर भी साथ रहते हैं l
एक दूजे के साथ साथ चलते हैं समानांतर l
पर कभी मिलकर भी आपस में मिलते नहीं l


एक के बिना दूसरे का अस्तित्व मिट जायेगा l
हमराही ना मैं कुछ पाऊंगी ना तू  पाएगा  l

तेरे बिना मेरी जिंदगी का सफर ठहर जायेगा l
बता तू मुझसे जुदा होकर कहां जाएगा l


हमारा अस्तित्व एक दूजे के साथ है साजना l
तेरे साथ ही जीना मूझे तेरे साथ ही मरना l
बालम तेरे बिना मेरा अपना कोई कहीं ना l
मैं हूं तेरी राधिका और तू है मेरा कृष्णा l


हम दोनों का साथ ऐसा जैसे रेल की पटरीl
हमारी कहानी ऐसी जैसी राधा मोहन की  l
जुदा होकर भी हम कभी जुदा हुए नहीं  l
बता क्या कभी घड़ी आएगी हमारे मिलन की l

अब पास रहकर ये दुरी सही नहीं जाती l
हरपल तुझसे मिलने बेचैनी बढ़ती जाती l
तेरा विरह कृष्णा मुझे हर पल तड़पाती l
तेरी प्रीत साजन मेरे रोम-रोम में समाती l


लोकेश्वरी कश्यप
जिला मुंगेली छत्तीसगढ़
24/06/2022

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