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Showing posts from August, 2022

गौ /गाय

🙏🏻दोहा शीर्षक - गाय / गौ प्रथम निवाला गौ को, देता जो परिवार l सूखी रहता सदा वह, समृद्ध हो भंडार l सेवा करे जो गौ की,सदा रहे प्रसन्न मन l बी पी रहे नियंत्रित, शांत रहता है मन l गोबर गौ मूत्र छुवे, विकार मिटे मन l दुग्ध उत्पादों को खाय, पुष्ट होवे तन मन l कामधेनु है गौ माँ,पूर्ण करे हर काम l प्रसन्न मन रहे सदा जन, फेरे जब तन हाथ l खाद बनता गोबर से, धरा करे उपजाऊ l बढ़े फ़सले खेतों में,सूखी हो किसान l जीवन भर सेवा करे,खेतों  में गौ पुत्र l सेवा से सुख मिले, जान मान यह सूत्र l वेद भी गाय महिमा, कर दौड़े जिनकी l करो सेवा तन मन से, सब मिल गौ वंश की l दूध दही माखन खाय, बालक बन जगदीश l गाय चराये गोपाल ,गौ सेवक बनें ईश l गौ के हर अंग व उत्पाद, अमित गुणकारी l गोबर, मूत्र, चर्म व हड्डी, सब हैं हितकारी l जब धरा धरी गौ रूप,दौड़े आये fझट हरि l गौ का मान -सम्मान कर, गौ देव पर भारी l लोकेश्वरी कश्यप जिला मुंगेली छत्तीसगढ़ 21/05/2022

भ्र्ष्टाचार

🙏🏻 भ्रष्टाचार 🙏🏻 भ्रष्टाचार हटाना है तो दृढ़ संकल्प अपनाना होगा l  भूलकर लालच का दामन, सत्य राह अपनाना होगा l  यूं ही नहीं होगा भ्रष्टाचार निवारण, इस हेतु  कमर कसना होगा l  दम तोड़ रही इंसानियत को,हृदय में पुनः लाना होगा l  राह कठिन है भ्रष्टाचार मिटाने की पर इस पर चलना होगा l  आए चाहे लाख लोभ मुसीबत, सत्य पथ पर चलना होगा  l  दूसरों को समझाने से पहले खुद यह नेक राह अपनाना होगा l  सदाचार का सुपरिणाम सबको हमें दिखाना होगा l  बस अपने स्वहित के लालच को हमें दफनाना होगा l  भ्रष्टाचार को पोषित करने वालों को सबक सिखाना होगा l  भ्रष्टाचार के दुष्परिणामों से सबको अवगत कराना होगा  l  भ्रष्टाचार की जड़ लोभ,छल, कपट पर विजय पाना होगा l  कर मन को मजबूत दृढ़ निश्चय अपनाना होगा  l  कर्मयोगी बनकर कठिन परिश्रम से धन कमाना होगा l लोकेश्वरी कश्यप जिला मुंगेली, छत्तीसगढ़ 21/05/2022

मानव जीवन

🙏🏻शीर्षक - मानव जीवन  मानव जीवन है अनमोल इसे ना व्यर्थ गवाइये l  सदा खुश रहे,सबको खुशियां जी भर लुटाइये l  बहुत जी चुके गमगीन होकर,सारे गम भुलाइये l  देकर किसी को तकलीफ,अब और ना रूलाइए l कड़वे,दुखदाई पलों का बोझ दिल से अब हटाइए l खुशनुमा पलों को याद कीजिए और मुस्कुराइए l  मानव जीवन................... जी भर लुटाइए l  रिश्तो में पड़ी दरार को प्रेम,स्नेह से भरते जाइये l  संस्कृति,सभ्यता रिश्तो की मर्यादा बच्चों को समझाइए l कर्तव्यों से मुंह बिचका कभी ना पल्ला झाड़िये l  जो मिली जिम्मेदारी मिले हंस कर उसे निभाइये l मानव जीवन................... जी भर लुटाइए l  असहायों, दुखियो को कभी ना  बेवजह सताइए  l  चाहे कितनी भी कठिन हो सत्य राह चलते जाइए  l मानव जीवन पाया मानवता का धर्म निभाइये l  प्रकृति का सम्मान करें इसको हरा-भरा बनाइएl  मानव जीवन................... जी भर लुटाइए l  जो बांटोगे वही पाओगे इस बात को ना भुलाइए l  जीवन में खुशियां पाना है तो खुशियां ही लुटाइए l बोना ना किसी के पथ में कांटे,बैर भाव भुलाइए l...

कहानी चांद सूरज की

🙏🏻चाँद सूरज चाँद सूरज दोनों भाई - बहन थे l एक बार दोनों अपने बच्चों के साथ खेल रहे थे l तब सूरज ने चांद से कहा मैं बहुत शक्तिशाली हूं मैं कुछ भी कर सकता हूं l मैं तुम्हें चुनौती देता हूं l तुम मुझसे जीतकर बताओ l चांद ने पूछा क्या करना है? सूरज ने कहां - मैं 5 मिनट में अपने सभी बच्चों को खा सकता हूंक्या तुम यह कर सकती हो? यह कहकर सूरज ने जल्दी-जल्दी सारे बच्चों को खाना शुरू किया l चांद ने सोचा कि कहीं सूरज उनके बच्चों को भी ना खा ले इसलिए उसने भी अपने सभी बच्चों को मुंह में डालना शुरू कर दिया l थोड़ी देर में सूरज ने हंसते हुए कहा देखा मैंने सारे बच्चों को खा लिया l  चाँद नें अपना मुंह खोला l मुंह खोलते ही चांद के सारे बच्चे चांद के मुंह से बाहर निकलने लगे l यह देखकर सूरज आश्चर्यचकित हो गया l चांद ने कहा भैया हमें हमारे बच्चों को सुरक्षित रखना चाहिए l देखिए मेरे सभी बच्चे मेरे साथ हैं और कितने खुश हैं, और अब आपके बच्चे आपके पास नहीं है आप बिल्कुल अकेले हैं  l तब से सूरज अकेला आता है और चांद अपनी सारे बच्चे सितारों के साथ आती है l  लोकेश्वरी कश्यप जिला मुंगेली छत्तीसगढ

बदलाव जरूरी है

👌प्रश्न 1.  आधारभूत शिक्षा स्तर पर बदलाव लाने के क्या कारण है ? उत्तर = नई शिक्षा नीति का प्रारूप एक सही कदम के रूप में बच्चों की शुरुआती देख-रेख और शिक्षा के महत्व पर ज़ोर देता है। साथ ही, यह प्राथमिक स्तर पर बुनियादी साक्षरता व गणितीय क्षमता को अविलम्ब दुरुस्त करने की ज़रूरत को रेखांकित करता है – वह स्तर जो आज सीखने के संकट से जूझ रहा है।  सन 2005 से साल दर साल एनुअल स्टेटस ऑफ़ एजुकेशन रिपोर्ट्स (असर) इस बात को लगातार उजागर करती आ रही है कि बच्चों के पढ़ने और गणित करने की क्षमता का स्तर चिंताजनक रूप से नीचे है। इसी प्रकार से विभिन्न सर्वो के रिपोर्टों  भी कहते है l नई शिक्षा नीति का प्रारूप बिलकुल सही तौर पर कहता है कि बुनियादी कौशलों का निर्माण करना कम से कम प्राथमिक विद्यालय की मुख्य गतिविधि होनी चाहिए।  "हमारी उच्चतम प्राथमिकता यह होनी चाहिए कि हम 2025 तक सभी प्राथमिक व इनसे आगे के विद्यालयों में बुनियादी साक्षरता व गणितीय क्षमता का लक्ष्य हासिल कर लें" नई शिक्षा नीति का प्रारूप इस मान्यता को स्वीकार करता है कि प्रारंभिक वर्षों (3 से 8 वर्ष आयु) को "बुनियादी चरण" ...

रिश्ते

🙏🏻रिश्ते जरूरी नहीं की हर रिश्ते में प्यार ही हों  l कुछ रिश्तो में अनकही मजबूरियाँ भी होती है l कभी जब आँखों से अश्क छलक जाते है l उन्हें मुस्कुराके खुशी के आँसू बता देती है l जब कोई अपना, उसका गुनहगार होता है l उसकी जगह जाने क्यूँ खुद को सजा देती है l अनु. जाने वो किस मिट्टी की बनी होती है l अरमानों को सीने में कहीं गहरे दबा देती ये l अक्सर शून्य में वो कहीं खो सी जाती है l यादों में गुम हों खुद ही से बातें वो करती है l किसी को फुर्स्त नहीं पास बैठें दो बातें करें l चुपचाप तन्हाईयों को वो दोस्त बना लेती है l दफन कर ख़ामोशी से सीने में अरमानों को, वो अपने से जुड़े हर रिश्ते को बचा लेती है l रिश्तो में धोखा खाई फिर भी कितनी जिद्दी हैl किस आस पे हर बार सुधरने का मौका देती है l कभी अपनी खामोशी से तो कभी मुस्कुराके l हुनरमंद है रिश्तों की गरिमा को बचा लेती है l जरूरी नहीं की हर रिश्ते में प्यार ही हों, कुछ रिश्तो में अनकही मजबूरियाँ भी होती है l 11/08/2022  लोकेश्वरी कश्यप

जिंदगी का तन्हा पल

शीर्षक :- जिंदगी का तन्हा पल  कभी जब खुद से बातें करने का मन करता है l  भीड़,शोरगुल से दूर अपने आप में खोने का मन करता है l  अपने भीतर झांकने,खुद को आंकने का मन करता है  l  व्यस्त जिंदगी से खुद के लिए दो पल चुराने का मन करता है l  तब हमें सुकून देता है जिंदगी का  तन्हा पल...........  कभी जब गला रूंधा और दिल उदास होता है l  खुद से, अपनों से उमड़ा शिकवों का सैलाब होता है l  जब दिल का दर्द धीरे-धीरे अश्कों में पिघल रहा होता है l  कोई अपना हमारे अश्कों से दुखी ना हो, दिल चाहता है l  तब हमें सुकून देता है जिंदगी का तन्हा पल...............   बचपन की शरारतें और यादें ऊर्जा से भर देती है  l  लड़कपन की इतराती,इठलाती यादें दिल को गुदगुदाती है l  सखी सहेलियों संग हंसी ठिठोली की बातें जब याद आती है l  दिल में ऊर्जा,उत्साह और खुशियाँ  भर देती है l  इन यादों में खो जाने का वक्त है जिंदगी का तन्हा पल.......  कभी हमें गहरी निराशा व अवसाद में धकेल देती है  l  जिंदगी खुद की खुद को ही बोझ सी ल...

बिग बुक बनाने हेतु आइडिया

👌बच्चों में प्रोजेक्ट निर्माण हेतु एवं हस्तलिखित बिग बुक बनाने हेतु आइडिया 1. प्रोजेक्ट निर्माण हेतु आइडिया 👉  सर्वे से संबंधित प्रश्न तैयार करवाएं. क्योंकि प्रोजेक्ट निर्माण करने के लिए सर्वे और विभिन्न प्रकार के प्रश्न बनाना आना अति आवश्यक है. 👉 अपने आसपास उपलब्ध संसाधनों पर पैनी निगाह रखने समाज का बच्चों में विकास करना. क्योंकि अगर बच्चे सुषमा रुप से अपने आसपास उपलब्ध संसाधनों चीजों वस्तुओं व्यक्तियों इत्यादि के ऊपर अपनी गहरी पकड़ और समझ नहीं बना लेते तब तक वह प्रोजेक्ट कार्य को अच्छे प्रकार से नहीं कर पाएंगे. 👉 टीम वर्क की भावना का विकास. कुछ प्रोजेक्ट अकेले करने वाले होते हैं तो कुछ प्रोजेक्ट आ साथियों के साथ मिलकर किए जाते हैं इस लिहाज से टीम वर्क की भावना का विकास प्रत्येक बच्चों में होना अति आवश्यक है. 2. हस्तलिखित पुस्तिका हेतु आईडियाज 👉 चित्रात्मक.  जिन बच्चों की चित्रकारी में रुचि होती है उन बच्चों को अपने आइडिया को अपने लेखन को कलात्मक रूप से चित्रों के द्वारा प्रस्तुत करने में बहुत ही सुविधा होती है. सुंदर चित्रों से सजी हुई हस्तलिखित पुस्तिका सभी को आकर्षित ...

मेरी राखी

 *🙏मेरी राखी 🙏* मेरी राखी प्रथम समर्पित मेरी राखी  हे गणपति गजानन आपको  जीवन  हो सबके लिए मंगलकारी दे वरदान गजानन मुझको द्वितीय समर्पित मेरी राखी हे मेरे पूज्य मात - पिता आपको पालन -पोषण -रक्षण मेरा किया संस्कार,सुरक्षित जीवन दिया मुझको. तृतीय समर्पित मेरी राखी हे मेरे सभी गुरुवरों आपको तर्क सहित ज्ञान - विज्ञान मुझे समझाया अनुशासन का महत्व बताया मुझको. चतुर्थ समर्पित मेरी राखी हे वृक्ष, लता,झाड़ी, जंगल आपको जिन्होंने धरती का श्रृंगार किया हरियाली से दिया शुद्ध हवा, पानी हम सबको. पंचम समर्पित मेरी राखी हे मेरी धरती मैया आपको अपना सर्वस्व सम्पदा सौप दिया और सहनशीलता का पाठ पढ़ाया हमको. षष्ठम समर्पित मेरी राखी हे  देशरक्षक वीर जवानो भाइयों आपको जिन्होंने देश की आन , बान और शान  की रक्षा का वचन दिया है हमको. सप्तम समर्पित मेरी राखी हे कर्तव्य निष्ठ सभी भाइयों आपको जिन्होंने अपने संस्कारो और नेक नीयत से सदा गौरवान्वित किया है हम सब बहनो को. 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 22/08/2021 लोकेश्वरी कश्यप शासकीय प्राथमिक शाला सिंगारपुर जिला मुंगेली छत्तीसगढ़

आनंद का वास कहां

😊💐 *जब रहे स्वस्थ तन और मन तब ही है जीवन में आनंद*  यह बात सोलह आने सच है की स्वस्थ तन में ही स्वस्थ मन होता है और जब  तन मन दोनों ही स्वस्थ हो तभी जीवन में आनंद का वास होता है. स्वास्थ्य ही आनंद  की कुंजी है. क्योंकि रोगी तन और रोगी मन में आनंद का वास कहां.  आजकल की इस आपाधापी भरी जीवनशैली में स्वास्थ्य कहीं गुम सा होता जा रहा है. तनाव डिप्रेशन चिड़चिड़ापन इत्यादि की समस्याएं बहुत तेजी से बढ़ेगी साथ ही मोटापा हाई ब्लड प्रेशर लो ब्लड प्रेशर हार्ट संबंधी समस्याएं भी बहुत तेजी से अपने पैर पसार रही है.  निश्चित रूप से इन सब का कारण हमारे पर्यावरण का प्रदूषित होना ही है. इस बात में भी कोई संदेह नहीं की हमारा पेट समस्त विकारों का घर है. कहने का तात्पर्य है कि अगर पेट सही है पेट साफ है तब हमारा पूरा शरीर साफ रहता है लेकिन अगर किसी कारण से पेट और स्वस्थ है तो धीरे-धीरे हमारे शरीर के सभी अंग किसी न किसी बीमारी या डिजीज के शिकार जरूर हो जाते हैं. और पेट की समस्याएं शुरू होती है तला भुना  मसालेदार और खासकर डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों से. जो खाने में तो लजीज होते हैं ल...

अंतर्मन

अंतर्मन कभी सच्चे कभी झूठे जाने कितने सपने सजाता है.  पल में यहां अब पल में जाने कहां की सैर करके आता है.  अंतर्मन.......  क्या सही है और क्या है गलत मुझको सब कुछ बदलाता.  झूठ,फरेब,दिखावा,छलावा सब कुछ तो जाने हैं.  अंतर्मन......  फिर क्यों लोग पर पीड़ा में, दूसरों की बेबसी में खुश  होते हैं.  क्या कभी उनको धिक्कारता नहीं है उनका खुद का अंतर्मन......  लाखों चाले चलते लाखों षड्यंत्र रचते रहते हैं.  कैसे खुश हो लेते हैं वे इतना बोझ कैसे सह लेता. अंतर्मन......  अपराधी, गृहस्थ और सन्यासी, बच्चे वृद्ध और जवान  क्या सब के पास एक जैसे होता है उनका  अंतर्मन....... अगर हाँ तो फिर क्यों करते हैं वे दुसरो पर अनाचार और दुराचार.  पर पीड़क को क्यों नहीं धिक्कारता कभी उनका अंतर्मन.......  क्यों वे निष्ठुर हो जाते हैं खो जाती है उनकी सारी संवेदनाएं.  क्या चुल्लू भर उनको पानी नहीं मिलता, क्यों चुप हो जाता उनका,  अंतर्मन........  एहसास जिनके हो जाते हैं सुप्त पर वेदना देखकर उन्हें भी उस टीस का एहसास हो जो बेबस का झेल...

तेरा प्रेम

🇮🇳शीर्षक :- तेरा प्रेम  तेरा वैभव और खुशहाली देख  चोर रहे कुम्हालाये l  तू सदा नवयौवना हरित श्यामला सबका मन तरसाए l  तेरी आन,बान,शान से दुश्मन का मन ललचाए l  तेरा प्रेम मेरे रग - रग में है समाए l  तेरी खुशी मुझे हंसाए, तेरा दर्द मुझे रुलाए l  तुझसे जो है नाता मेरा वो कैसे तुझे जताए l  तेरे बेटों का जज्बा दुश्मन का दिल धड़काए  l  तेरा प्रेम मेरे रग रग में है समाए l  दुश्मन क्यू बार-बार हमें आजमाएं l  नापाक देखे तुझे हर बार बुरी नजर लगाए  l  आये हर बार वह,हर बार तेरे बेटों से मुंह की खाए l तेरा प्रेम मेरे रग - रग में हैं समाये l  किसने है दम जो मनोबल हमारा गिरा पाए  l  देशभक्ति दिलों की हम दुश्मन को दिखाएं  l हिन्द का डंका  जहाँ में कब का रहें बजाय l तेरा प्रेम मेरे रग रग में हैं समाये l  देता हूं चुनौती उनको वह नापाक अभी संभल जाए l  अनंत काल तक शान से हम तिरंगा फहराए l  तेरे सर पर ध्वज तिरंगा सदा शान से यूं ही लहराए l  तेरा प्रेम मेरे रग - रग में है समाए l

प्रतिवेदन श्रंखला (2)

🙏🏻🙏🏻 प्रतिवेदन 2/5/21 के प्रथम अनुभव शेयरिंग श्रंखला के अंतर्गत आदरणीय श्री दीपेश पुरोहित सर जी के द्वारा मंच संचालन बहुत अच्छे तरीके से किया गया. आदरणीय श्री   गोपाल सर जी के द्वारा अपने अनुभव हमारे समक्ष प्रस्तुत किया. जिससे कि हमें बहुत कुछ सीखने को मिला और सर जी के अनुभव से हमें भी एक अनुभव प्राप्त हुआ.  आदरणीय श्री गोपाल सर जी के द्वारा बहुत अच्छे तरीके से क्रमवार बताया गया.हमें उनके द्वारा किए गए लक्ष्यवेध के नुस्खों के ऊपर उनके अनुभव जानने और समझने को मिले.  सर जी ने कैसे अपने बच्चों को खुद से सीखने के लिए प्रेरित किया. कैसे पियर लर्निंग के लिए उन्होंने बच्चों का चुनाव किया. ग्रुप लर्निंग मैं बच्चों ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया. सर जी ने  बच्चों की जिज्ञासाओं को बढ़ाया और उनकी जिज्ञासु प्रवृत्ति का सम्मान करते हुए उन्हें कैसे अपनी जिज्ञासाओं के उत्तर ढूंढने के लिए प्रेरित किया हमें यह समझने का मौका मिला. विषय मित्र का चुनाव कैसे किया.  सर जी ने एक बात कही कि कोई बच्चा किसी एक विषय में अगर बहुत अच्छा है और बाकी विषयों में कमजोर है तो वह बच्चा जिस व...

कुछ विचारणीय प्रश्न और उनके जवाब 1

प्रश्न और उनके जवाब *आपके पास थोड़ा समय है*😊😊🙏 *दिनांक 29.04.2021 दिन गुरूवार के चर्चा परिचर्चा का यह अंश.....* *केश स्टडी-1*---- *कक्षा पहली में अशोक नाम का बच्चा भर्ती होता है लेकिन तीसरी कक्षा तक पहुंचने तक शिक्षक और छात्र के बीच का अपनापन लगभग समाप्त हो जाता है, यहाँ तक कि बच्चा स्कूल आना ही बंद कर देता है!!* *प्र.1  - अशोक स्कूल क्यों छोड़ा??* *प्र.2  - शिक्षक द्वारा अशोक जैसे बच्चों के लिए और क्या क्या किया जा सकता था??* *प्र.3  - जिस तरह अशोक की स्थिति थी वैसे ही नौकरी में आने के कुछ समय बाद शिक्षक की रुचि कक्षा कक्ष में कम क्यों हो जाता है?* *प्र.4  -कक्षा कक्ष में शिक्षक की रूचि हमेशा बनी रहे इस हेतु आपके विचार!!* *अपने विचार जरूर रखें*🙏🙏  जवाब 1.  जब बच्चे स्कूल आते हैं.  उन्हें लगता है कि स्कूल में भी उन्हें घर के जैसा माहौल मिलेगा जहां उन्हें खेलने कूदने अपने विचार अभिव्यक्त करने की आजादी होगी. उसे घर में जैसे बड़ों का मार्गदर्शन मिलता है स्कूल में भी मिलेगा. किंतु हमारी शाला परिसर का माहौल स्कूल से बिल्कुल भी न होता है यहां बच्चे बहुत...

प्रतिवेदन क्रमांक 4

🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 प्रतिवेदन 13/5/2021 ECCE पर विशेष प्रशिक्षण प्रेरणा स्त्रोत व प्रशिक्षक :-आदरणीय श्री सुनील मिश्रा सर जी🙏   विषय :- शालापूर्व बच्चों में संज्ञानात्मक योग्यता का विकास.  प्रशिक्षण के इस कड़ी में शाजापुर व बच्चों के बारे में बहुत ही महत्वपूर्ण गतिविधियों के बारे में चर्चा की गई. इस चर्चा के द्वारा पाया गया किशालापूर्व बच्चों में अपने आसपास के प्रति अत्यंत संवेदनशीलता होती है. वे अपने आसपास की सभी चीजों को ध्यान से देखते समझते हैं और उसके  बारे में अपनी  अवधारणा गढ़ते रहते है. अच्छा शिक्षकों को चाहिए कि बच्चों के साथ कोई भी एक्टिविटी करते समय बच्चों के आसपास की वस्तुओं को वातावरण को हेलो को खेल गतिविधियों के माध्यम से बच्चों के सामने प्रस्तुत करें जिससे कि उनकी अवधारणा एक कदम आगे परी पुष्ट होती चली जाए हर समय.  बच्चों के संज्ञानात्मक योग्यता की विकास की तीन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई जो इस प्रकार से हैं. 👉  *सामान्य संबंधों को पहचान पाने की योग्यता का विकास  * 👉  *क्रमबद्ध कर पाने की योग्यता का विकास* 👉   *कारण व ...

प्रतिवेदन श्रंखला 5

🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 प्रतिवेदन 14/5/2021 ECCE पर विशेष चर्चा  प्रेरणा स्त्रोत एवं प्रशिक्षक  आदरणीय श्री सुनील मिश्रा सर जी  विषय :- शाला पूर्व बच्चों में संज्ञानात्मक योग्यता का विकास.  प्रशिक्षण की इस कड़ी में आदरणीय श्री मिश्रा सर जी के द्वारा चर्चा की शुरुआतमें बताया गया.छत्तीसगढ़ की संकल्पना ओं के साथ बच्चों का बेहतर ज्ञानात्मक विकास सुनिश्चित करना होगा.  चर्चा के मुख्य बिंदु इस प्रकार से रहे. 👉 आकृति  :- बच्चों को विभिन्न प्रकार की आकृति को समझने में उनकी मदद करें. इसके लिए बहुत सारे गतिविधियां कराई जा सकती है जैसे कि वर्गीकरण के माध्यम से बच्चों को विभिन्न आकृतियों को पहचानने और उनका वर्गीकरण करने के लिए प्रेरित किया जा सकता है इसके लिए हम विभिन्न प्रकार के पत्थर पेन पेन के ढक्कन या बोतल वगैरा के ढक्कन मोती कंचे पत्ति फूल इत्यादि की तरफ उनका ध्यान दिला सकते हैं. बच्चों के साथ देती विधि करते समय पहले तो विभिन्न आकृतियों के समूह बनाकर सभी बच्चों को दिखाएं एवं बच्चों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें. हम बच्चों से पूछ सकते हैं कि कमरे में दिखाई देने व...

प्रतिवेदन श्रंखला 6

🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 प्रतिवेदन 15/5/2021 ECCE पर विशेष प्रशिक्षण  प्रेरणा स्त्रोत एवं प्रशिक्षक  :- आदरणीय श्री सुनील मिश्रा सर जी  विषय  :- साला पूर्व बच्चों में संज्ञानात्मक योग्यता का विकास.  मंच संचालन :- आदरणीय दीपेश पुरोहित  सर जी  मुख्य बिंदु  :- 1 समय की अवधारणा 2. स्थान की अवधारणा 3. माप की अवधारणा 👉 1. समय की अवधारणा:- शाला पूर्व   के बच्चे  मिनट, घंटा,महीना,वर्ष इत्यादि के रूप में समय को नहीं समझ पाते हैं उन्हें सुबह दोपहर शाम रात को भी अच्छे से समझने  की जरूरत होती है. साला पूर्व बच्चे कल अगले व पिछले कल की थोड़ी थोड़ी समझ रखते हैं. आज है कल था कल आएगा ऐसे शब्दों की थी थोड़ी थोड़ी समझ रखते हैं. जैसे कि कोई सामान को कल खरीदेंगे आज नहीं ऐसा कहने पर वह कल की अवधारणा को समझते हैं एवं दूसरे दिन याद दिलाते हैं कि आज उनको खरीदना है. यहां पर बच्चे अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति से संबंध स्थापित करके आने वाले दिन को याद रखने की और समझने की कोशिश करते हैं. पिछले दिनों अगर कोई रोचक घटना हुई हो कोई दुर्घटना हुई हो तो भी उसे जरू...

प्रतिवेदन श्रंखला 7

🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 प्रतिवेदन ECCE पर विशेष प्रशिक्षण एवं चर्चा दिनाँक -17/05/2021 प्रशिक्षक -श्री सुनील मिश्रा सर मंच संचालन - श्रीमती योगेश्वरी तम्बोली आज का विषय-शाला पूर्व बच्चों में भाषायी विकास । भाषा  का बच्चों की पहचान और भावनात्मक सुरक्षा के साथ घनिष्ठ संबंध है ।भाषा उन्हें स्वयं के अभिव्यक्ति करने में सहायता करते हैं। बच्चों में जिज्ञासा की भावना बहुत ज्यादा होती है। वे अपने आसपास जिन चीजों को, घटनाओं को ,व्यक्तियों को देखते हैं उनके बारे में ढेर सारे सवाल करते हैं ।वे अपने आसपास की चीजों के बारे में जो समझ बनती है। उसे बताने का प्रयास अपनी भाषा में करते हैं ।बच्चे भाषा के द्वारा अपने सोच विचार अनुभव भावनाएं जिज्ञासा को बताते हैं ।3 से 6 वर्ष के बच्चों में भाषायी विकास को निम्नलिखित बिंदुओं में बांटा जा सकता है- 1. बच्चों के साथ बातचीत । 2. पढ़ना लिखना सीखने की तैयारी । 3. श्रवण विभेदीकरण की क्षमता का विकास । 4.गीत और बाल कविताएं । 5.कहानियां । 6.पहेलियां । 7.चित्र वर्णन । 8.सूक्ष्म क्रियात्मक समन्वय (हाथ आंख और उंगलियों का समन्वय)  । 9.वस्तुओं का नाम पहचानन...

प्रतिवेदन श्रंखला 8

🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 ECCE  पर विशेष चर्चा एवं प्रशिक्षण आज के प्रशिक्षण में बच्चों के भाषा कौशल के विकास के लिए पालनकर्ता जिसने कि अभिभावक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं शिक्षक आते हैं इनके व्यवहार एवं कार्यशैली पर तथा बच्चों पर पड़ने वाले इनके सकारात्मक एवं नकारात्मक पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई.  बच्चों में जिज्ञासा एवं आसपास की चीजों को समझने और जानने की कोशिश करने  का जन्मजात गुण होता है. फिर क्यों आगे चलकर कुछ बच्चे बहुत अच्छा प्रदर्शन करते हैं और कुछ बच्चे क्यों पिछड़ जाते हैं. इस पर  विचार किया गया. बच्चों में भाषाई विकास को कैसे बढ़ाएं. ऐसी कौन कौन सी गतिविधियां की जा सकती है जो बच्चों के भाषाई विकास को बढ़ानें मैं मदद कर सकती हैं. साला पूर्व बच्चों में भाषाई विकास को विभिन्न छोटे-छोटे बिंदुओं में बैठकर हम उनके साथ बहुत अच्छी से गतिविधि कर कर उनके भाषाई कौशल के विकास में मदद कर सकते हैं. कुछ बिंदु इस प्रकार से हैं :- 👉 बच्चों के साथ बातचीत या गपशप :- बच्चों के साथ समूह में और व्यक्तिगत रूप से भी बात करना चाहिए. व्यक्तिगत बातचीत करने से बच्चों को स्पेश...

प्रतिवेदन श्रंखला 10

🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 प्रतिवेदन ECCE पर विशेष प्रशिक्षण एवं चर्चा दिनाँक -18/05/2021 प्रशिक्षक -श्री सुनील मिश्रा सर मंच संचालन - श्रीमती ज्योति सक्सेना आज का विषय-शाला पूर्व बच्चों में भाषाई विकास 3से 6 वर्ष के बच्चों में भाषा कौशल का विकास करने के लिए बातचीत ,कहानी ,गीत, अभिनय,आदि को कक्षा में पर्याप्त स्थान देना चाहिए ।जब बच्चे अपने विचार, भावनाओ को बिना किसी झिझक के अभिव्यक्त कर पाएंगे ।तब वे सीखने सिखाने की प्रक्रिया का आनंद ले सकते हैं। शाला पूर्व बच्चों में भाषाई विकास में पहेलियां, चित्र वर्णन की उपयोगिता के साथ ही सूक्ष्म क्रियात्मक समन्वय के लिए गतिविधियां  के बारे में आज के प्रशिक्षण में बताया गया ।वस्तुओं के नाम  के लिखित रूप को पहचानने  के लिए भी अनेक गतिविधियों की  चर्चा हुई।   पहेलियाँ- बच्चों का भाषाई विकास कैसे किया जाए  इसकी विवेचना की गई।बच्चों के विकास में कल की चर्चा को आगे बढ़ाते हुये मिश्रा सर ने आज  पहेलियाँ किस प्रकार के भाषा विकास के साथ ही उनके दिमाग को भी सक्रिय करता है यह बताया।पहेलियां  बच्चों क...

प्रतिवेदन श्रंखला 12

🙏🏻🙏🏻💐🙏🏻🙏🏻💐🙏🏻🙏🏻💐🙏🏻🙏🏻💐 प्रतिवेदन 20/5/2021 ECCE पर विशेष चर्चा एवं प्रशिक्षण  प्रेरणा स्त्रोत एवं प्रशिक्षक :- आदरणीय श्री सुनील मिश्रा सर जी  मंच संचालन :- आदरणीय श्वेता मैम जी  विषय :- शाला पूर्व बच्चों में भाषाई विकास.  चर्चा के मुख्य बिंदु इस प्रकार से रहे. 👉 1. दृष्टि मुल्क प्रत्यक्षीकरण एवं विभेदीकरण. 👉 2. बोल बोल कर पढ़ना. 👉  3. देर से बोलना शुरू करना. हमने देखा कि शालापूर्व बच्चों को पठन पूर्व बहुत सारी गतिविधि करवाई जानी चाहिए. जिससे कि बच्चों में भाषाई कौशल का विकास बेहतर तरीके से हो सके. इसी क्रम में आज ऐसी बहुत सारी गतिविधियों की चर्चा की गई जो बच्चों के लिए पठन पूर्व पढ़ना पर आधारित है. 👉  1. दृष्टि मूलक प्रत्यक्षीकरण एवं विभेदीकरण :- किसी चित्र या वस्तु के छोटे से छोटे अंश को देख पाना पठन पूर्व पठन है इसे दृष्टि मूलक प्रत्यक्षीकरण कहते हैं.  जब बच्चे किसी चित्र, वस्तु,वर्ण,अक्षर,शब्द इत्यादि में समानता एवं समानता को देख पाते हैं एवं  उनको अभिव्यक्त कर पाते हैं तो यह दृष्टि मूलक प्रत्यक्षीकरण एवं विभेदीकरण की समझ...

vवेध उत्सव प्रतिवेदन श्रंखला 1

🎯 🎯 वेद उत्सव 14.0 🎯 दिनांक 23/05/2021 ✍️प्रतिवेदन- 🙏🏻 प्रेरणा स्रोत-आदरणीय नंदकुमार सर जी। 🙏🏻 अनुभव शेयर व प्रशिक्षक-आदरणीय श्री दत्तात्रेय वारे सर जी। 🙏🏻 संचालक- आदरणीय श्री निलेश गुघे सर जी। ✍️ आज की अनुभव सेयरिंग वेद उत्सव 14.0 कार्यक्रम में आदरणीय श्री नीलेश सर जी द्वारा वाबलेवाड़ी स्कूल व संचालक आदरणीय श्री दत्तात्रेय वारे सर जी का परिचय देते हुए यह बताया गया कि वाबले वाड़ी स्कूल का ढांचा पूरा बच्चे की रुचि अनुसार तैयार किया गया है, जहां खुला वातावरण हो, खिड़कियां से पूरा प्राकृतिक वातावरण दिखे, खिड़कियां भी शीशे की बनी हुई है, कमरों में कई दरवाजे हो बच्चे जहां से आना व जाना चाहे आ जा सकते हैं हर तरह से स्कूल का वातावरण बच्चे की रुचि पूर्वक अनुकूल है ।तत्पश्चात उस स्कूल के ढांचा तैयार करने वाले व प्रथम शीला रखने वाले दत्तात्रेय सर के बारे में बताया गया। वाबले वाड़ी स्कूल पूरे टीम वर्क के साथ कार्य करते हैं जहां 660 बच्चे व 15 से 20 शिक्षक हैं। 🤔 तत्पश्चात वेद उत्सव में जुड़े सभी शिक्षक एवं शिक्षिकाओं से आए हुए सवालों को आदरणीय श्री नीलेश गुघे सर जी द्वारा सवाल किया गया-...

वेध उत्सव प्रतिवेदन श्रंखला 2

🎯🎯 प्रतिवेदन दिनांक 24/05/  2021  🟣विशेष चर्चा -NEP2020  🟣 प्रेरणा स्रोत -आदरणीय श्री सुनील मिश्रा सर जी। 🟣 प्रशिक्षक श्री दीपेश पुरोहित सर जी। 🟣 मंच संचालन-आदरणीया शकुंतला देवांगन मैम जी। 👉 आज की विशेष चर्चा शकुंतला मैम जी द्वारा संचालन करते हुए आगे का कार्यक्रम श्री दीपेश पुरोहित सर जी द्वारा क्रिटिकल थिंकिंग पर विशेष चर्चा करते हुए शुभारंभ किया गया। 🔴 क्रिटिकल थिंकिंग-              इसे तार्किक सोच या चिकित्सीय सोच भी कहते हैं जब हम किसी आकस्मिक परिस्थिति या समस्या से गुजरते हैं तथा उस परिस्थिति में विभिन्न विचारों से गुजर कर किसी निर्णय पर पहुंचते हैं तो वह तार्किक विचार या सोच है अर्थात अलग-अलग प्रश्नों पर गहन चिंतन कर किसी उचित निर्णय पर पहुंचना तार्किक विचार है। NEP2020 कहता है कि बच्चों में क्रिटिकल थिंकिंग डेवलप करना है तो बच्चों को स्वयं प्रश्न करने दें और उन्हें ही स्वयं प्रश्नों का उत्तर ढूंढने दें ताकि बच्चे सीखना को सीखे, स्वयं निर्णय लें यही तार्किक विचार या क्रिटिकल थिंकिंग है। 🔴 क्रिएटिव थिंकिंग-     ...

प्रतिवेदन श्रंखला 11

🙏🏻🙏🏻💐🙏🏻🙏🏻💐🙏🏻🙏🏻💐🙏🏻🙏🏻 प्रतिवेदन 19/5/2021 ECCE पर विशेष चर्चा एवं प्रशिक्षण  प्रेरणा स्त्रोत एवं प्रशिक्षक :- आदरणीय श्री सुनील मिश्रा सर जी  मंच संचालन :- आदरणीय ज्योति सक्सेना जी  विषय   :- शाला पूर्व बच्चों में भाषाई कौशल का विकास  3 से 6 वर्ष के शाला पूर्व बच्चों  में भाषाई कौशल के विकास  हेतु आज के प्रशिक्षण में निम्नलिखित बिंदुओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई. 👉 1.  भाषा कौशल के विकास में पहेलियों का उपयोग  👉 2.  चित्रों के वर्णन के  द्वारा बच्चों में भाषा कौशल का विकास. 👉  3. आंखों व हाथों के समन्वय के लिए विभिन्न गतिविधि.  पहेलियां  👉 4. पठन की तरफ ( लेबलिंग  ) 👉🤔  1. पहेलियां :- पहेलियां हर किसी का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करती हैं. पहेलियां हर वर्ग के लोगों के लिए मनोरंजन के साथ-साथ ज्ञान का स्त्रोत भी होती हैं. सहेलियों से हमारा दिमाग सक्रिय रूप से काम करने लगता है. अतः इसका उपयोग बच्चों के भाषाई कौशल के विकास ने भी किया जा सकता है. सहेलियों भाषा विकास के साथ ही बच्चों के...