रिश्ते
🙏🏻रिश्ते
जरूरी नहीं की हर रिश्ते में प्यार ही हों l
कुछ रिश्तो में अनकही मजबूरियाँ भी होती है l
कभी जब आँखों से अश्क छलक जाते है l
उन्हें मुस्कुराके खुशी के आँसू बता देती है l
जब कोई अपना, उसका गुनहगार होता है l
उसकी जगह जाने क्यूँ खुद को सजा देती है l
अनु. जाने वो किस मिट्टी की बनी होती है l
अरमानों को सीने में कहीं गहरे दबा देती ये l
अक्सर शून्य में वो कहीं खो सी जाती है l
यादों में गुम हों खुद ही से बातें वो करती है l
किसी को फुर्स्त नहीं पास बैठें दो बातें करें l
चुपचाप तन्हाईयों को वो दोस्त बना लेती है l
दफन कर ख़ामोशी से सीने में अरमानों को,
वो अपने से जुड़े हर रिश्ते को बचा लेती है l
रिश्तो में धोखा खाई फिर भी कितनी जिद्दी हैl
किस आस पे हर बार सुधरने का मौका देती है l
कभी अपनी खामोशी से तो कभी मुस्कुराके l
हुनरमंद है रिश्तों की गरिमा को बचा लेती है l
जरूरी नहीं की हर रिश्ते में प्यार ही हों,
कुछ रिश्तो में अनकही मजबूरियाँ भी होती है l
11/08/2022
लोकेश्वरी कश्यप
Comments
Post a Comment