तेरा प्रेम

🇮🇳शीर्षक :- तेरा प्रेम


 तेरा वैभव और खुशहाली देख  चोर रहे कुम्हालाये l
 तू सदा नवयौवना हरित श्यामला सबका मन तरसाए l
 तेरी आन,बान,शान से दुश्मन का मन ललचाए l
 तेरा प्रेम मेरे रग - रग में है समाए l



 तेरी खुशी मुझे हंसाए, तेरा दर्द मुझे रुलाए l
 तुझसे जो है नाता मेरा वो कैसे तुझे जताए l
 तेरे बेटों का जज्बा दुश्मन का दिल धड़काए  l
 तेरा प्रेम मेरे रग रग में है समाए l


 दुश्मन क्यू बार-बार हमें आजमाएं l
 नापाक देखे तुझे हर बार बुरी नजर लगाए  l
 आये हर बार वह,हर बार तेरे बेटों से मुंह की खाए l
तेरा प्रेम मेरे रग - रग में हैं समाये l


 किसने है दम जो मनोबल हमारा गिरा पाए  l
 देशभक्ति दिलों की हम दुश्मन को दिखाएं  l
हिन्द का डंका  जहाँ में कब का रहें बजाय l
तेरा प्रेम मेरे रग रग में हैं समाये l



 देता हूं चुनौती उनको वह नापाक अभी संभल जाए l
 अनंत काल तक शान से हम तिरंगा फहराए l
 तेरे सर पर ध्वज तिरंगा सदा शान से यूं ही लहराए l
 तेरा प्रेम मेरे रग - रग में है समाए l

Comments

Popular posts from this blog

प्रतिवेदन श्रंखला (2)

( ECCE ) बच्चों में भाषा कौशल का विकास कैसे करें?

NEP पर विशेष चर्चा