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Showing posts from February, 2023

फागुन की मस्ती

💐शीर्षक - फागुन कि मस्ती  फिजाओ में मस्तीयाँ घुलने लगी है l रुखसार पे सबके लाली आने लगी है l आँखें भी नशीली सी होने लगी है l कि टेसूओं की बस्तीयाँ दहकने लगी है l अब आमों पे बौर आने लगे हैं l बागों में भौंरे गुनगुनाने लगे हैं l प्यारा बसंत जवा होने लगा हैं l अरमानों के पर फड़फड़ाने लगे हैं l आ जाओ कृष्णा गोपी तुझे बुलाने लगी हैं l अरमानों की मोतियाँ पिरोने लगी हैं l फागुन की मस्तीयाँ दिशाओं में घुलने लगी हैं l फाग की खुमारी सब पे चढ़ने लगी हैं l हुडदंगों की टोलियां सजने लगी है l नगाड़ों की धुन अब सजने लगी है l फागुन की रंगीलिया चढ़ने लगी है l कि होली की तैयारियां होने लगी है  l थालों में भर के रंग,अबीर,गुलाल, राधा अपने कृष्णा को बुलाने लगी है  l मधुर मुस्कान लिए भोली सी गोपियां, नटखट चितचोर को रिझाने चली है l लोकेश्वरी कश्यप मुंगेली, छत्तीसगढ़ 20/02/2023

रंग अबीर उड़ाओ कृष्णा

💐शीर्षक - रंग अबीर उड़ाओ कृष्णा अपनी प्रीत के रंग में रंग के रंगीले एक बार फिर रास रचाओ कृष्णा, अपनी मधुर मुरलिया बजा कर , गोपियों को अपनी बुलाओ कृष्णा l फिर वही प्रेम राग बजाओ कृष्णा, अपनी मधुर मुस्कान से रिझाओ l नव पल्लव प्रसफुटित हो ठूठो पर, ऐसा प्रेम रस फिर बरसाओ कृष्णा l गोपियों सँग प्रकृति भी झूमने लगे, ऐसी सुर तान लगाओ कृष्णा l धरती से अंबर तक सब रंग जाये, वह रंग अबीर उड़ाओ कृष्णा l जीवन भर कभी न उतरे तन मन से, वह पक्का प्रेम रंग चढ़ाओ कृष्णा l नैनों से होकर हृदय में बस जाये, वही रूप मनोहर दिखाओ कृष्णा l तुझ बिन ठूँठ सम जीवन मेरा, आकर नव पल्लव से सजाओ कृष्णा l चातक हुआ मन मेरा मोहन, स्वाति की प्रेम सुधा बरसाओ कृष्णा l तुझ बिन अब न जी पाऊँगी, आकर कंठ लगाओ कृष्णा l तुम स्वास तुझ बिन दूजा आस न मेरा, तुम मेरी धड़कन बन जाओ कृष्णा l दिग्भ्रमित सा मन डोले मेरा, हाथ पकड़ पथ दिखलाओ कृष्णा l ऊब चुकी इस जीवन से, तुम सँग अपने मूझे ले जाओ कृष्णा l लोकेश्वरी कश्यप मुंगेली, छत्तीसगढ़ 20/02/2023

नशे में डूब रहा जग सारा

💐शीर्षक - नशे में डूब रहा जग सारा नशेड़ी होकर नशे में डुब रहा जग सारा, नशे से सबको अपना गुलाम बना डाला l मुर्ख पी रहे घूंट -घूंट कर सब इसको, नासमझ नशे ने खुद तुझको ही पी डाला l सिगरेट,बीड़ी,चरस, गांजा को, मजे से पीते धुआँ उड़ाते हो तुम l तन को भट्ठी बना, राख करते, जीवन की धुएँ में उड़ाते हो तुम l नादानो कब समझोगे, इस जीवन का तुम मूल्य l इसके सामने सब कुछ तुच्छ है, इसकी न बराबरी कोई यह है अतुल्य l धुएँ के कश में उड़ा न देना , रखना सदा इसका ध्यान l एक बार मिला है यह जो जीवन, कर लो इसका भरपूर सम्मान  l सावधान हो त्याग करो तुम नशे का, नशा को समझो कालकुट समान l समाज को नशे से रखने को दूर, आओ चलाएं नशा मुक्ति अभियान l नशे से हरदम ही होती हानि है, इस बात का जीवन भर रखो ध्यान  l प्यारे न बनो  मूर्ख और नादान , नशा त्यागो और तुम बनो महान l लोकेश्वरी कश्यप मुंगेली छत्तीसगढ़ 23/02/2023

गम को ही खुशी बना डाला

💐शीर्षक - गम को ही खुशी बना डाला  क्या लिखने बैठी थी मैं, क्या क्या मैंने लिखा डाला l भावों की दरिया में बहती गई, सारा भाव उडेल कर रख डाला ये भी न सोचा क्या होगा परिणाम, पी लिया मैंने सारा हाला l भोले नहीं मैं जिसने पिया हलाहल था, सबके हित कराल था पी डाला l मैंने बस इतना ही तो किया, अपने अरमानों का दमन कर डाला l कुछ कर गुजरने की जो तमन्ना थी, अपनी उन तमन्नाओं को दफन कर डाला  l अपने भावों की मसी में डुबो, मन को ही लेखनी बना डाला l उकेरती हूँ कुछ अक्षरों को कागज पर कम करने वेदना की ज्वाला l खुश रहती हूं बस सब की खुशी में, उनकी खुशी को अपनी मुस्कान बना डाला l तब तक गुम रहती अपने ही गम में, मैंने गम को ही अपनी खुशी बना डाला  l लोकेश्वरी कश्यप मुंगेली छत्तीसगढ़ 21/02/2023

दर्पण (कुंडलियाँ छंद )

💐विधा -  कुंडलियाँ छंद शीर्षक - दर्पण दर्पण दिखाय सच्चाई,करे न झूठी बात l दिखाये  बस परछाई, जब जाये हम पास l जब जाये हम पास,सजनी का रूप निखारे l पिय की आये याद, गुमसुम दर्पण निहारे l उलझ के गई बैठ, उलझे केश सुलझाये l अनु ऐसे न तु ऐंठ, दर्पण तुझको बुलाये l लोकेश्वरी कश्यप मुंगेली छत्तीसगढ़ 16/02/2023

नारी

💐शीर्षक - नारी मेरे भारत देश की नारी, सदा रहीं है नर पर भारी l विष्णु के नारी रूप पर मोहे, काम को जितने वाले त्रिपुरारी l माँ, बेटी, बहन, पत्नी , सारे हैं नारी के ही रूप l नारी के आगे नतमस्तक रहे, चाहे रंक हो या हो भूप l दुर्गा, काली, सरस्वती, रणचंडी, सभी है नारी शक्ति के रूप l हर रूप में है आदरणीय नारी, चंडी या सौम्य,सरल हो स्वरूप l अपना हर कर्तव्य निभाती है, दो -दो कुल की लाज बचाती है l अन्नपूर्णा रूप में भोजन कराती है, गुरु कभी बनके राह दिखाती है l सृष्टि के संचालन में यही नारी, अपना सर्वस्व भी लुटाती है l ममता के गुणों से ओत -प्रोत हो, दया- धर्म का पाठ पढ़ाती है l अधूरे नर को पूर्ण करती है नारी, उसका व्यक्तित्व निखारती है l पीहर के कुल के संस्कारो से, ससुराल के कुल को संवारती है l लोकेश्वरी कश्यप मुंगेली छत्तीसगढ़ 15/02/2023

झोपडी और महल (बालगीत )

💐शीर्षक - झोपडी और महल छोटी -छोटी  हैं झोपडी, बड़ा सा होता हैं महल  l आंधी कहता झोपडी से, ओ झोपडी तु जरा संभल l नन्ही झोपडी सहमी खड़ी l अकड़कर खड़ा बड़ा महल l झोपडी में नन्हा दीपक जले l झुमर से सजा सुन्दर महल l राजा -रानी रहते  महल में, झोपडी में रहता हैं मजदूर l झोपडी से महल का रास्ता, होता है भैया बड़ा ही दूर  l सर्दी, गर्मी हो या हो बरसात, हर मौसम झोपडी को सताये l हरदम शान से खड़ा रहे महल, सबको अपनी अकड़ दिखाये l झोपडी किसी को अच्छी न लगे, महल तो सबको रिझाये l महल की खुशी सबको दिखे, झोपडी अपना दर्द किसे दिखाये l लोकेश्वरी कश्यप मुंगेली, छत्तीसगढ़ 14/02/2023

पुलवामा सा दर्द अब न झेलेंगे

💐शीर्षक -पुलवामा सा दर्द अब न झेलेंगे l मेरे देश के वीर जवानों ये शहीदों, वादा करते हैं आज हम तुमसे l अब हरदम ही हम रहेंगे चौकन्ना, देश की रक्षा में कमर कस लेंगें l पुलवामा सा दर्द अब न झेलेंगे l जो आँख उठे देश की तरफ, उस आँख को निकाल लेंगें l जो फन उठाये कोई विषधर, उसका वही फन कुचल देंगे l पुलवामा सा दर्द अब न झेलेंगे l भूलेंगे नहीं उन वीरों की कुर्बानी शहीदों की भस्म माथे से लगाएंगे l हमारे जिस्म में जब तक स्वास रहेगी, रक्त की हर बुँद देशहित में बहाएंगे l पुलवामा सा दर्द अब न झेलेंगे l  पुलवामा हमला कायरों का काम था, ठाना था बुजदिलों को सबक सिखाएंगे l  लहू उबल उठा था हर जवान का,  प्रण लिया उन्हें उनके ही घर में कुत्ते की मौत मारेंगे l  पुलवामा सा दर्द अब न झेलेंगे  l हैं हमनें जिन अपनों को , हम उनके सपनों को पूरा करेंगे l पहचानकर देश के गद्दारों को, उन्हें उनके अंजाम तक पहुचायेंगे l पुलवामा सा दर्द अब न झेलेंगे l मिटा देंगे झुका देंगे उनकी हस्ती को, जो देश हित के विरुद्ध जायेंगे l किसमे दम जो रोके हमारी मस्ती को, (मस्ती =देशभक्ति की उमंग ) हम अपना सर्वस्व लग...

भारत की बेटियाँ

💐विषय - चित्र आधारित शीर्षक - भारत की बेटियां नहीं रहीं हैं कभी ये किसी से कम, हर क्षेत्र में दिखा रही हैं अपना दम  l सजाकर पांव में महावर माथे पर बिंदिया, देश का मान बढ़ा रही भारत की बेटियां  l अन्नपूर्णा स्वरूपा हैं शक्ति का अवतार, हर क्षेत्र में लहरा रही हैं अपना परचम  l कल्पना चावला ने अंतरिक्ष में भरी उड़ान, रचा इतिहास बढ़ाया भारत का मान  l टेनिस सनसनी कहलाती सानिया मिर्जा, टेनिस खिलाड़ियों में ऊंचा है इनका दर्जा  l उड़न परी के नाम से मशहूर पी टी उषा, एक ही प्रतियोगिता में 5 गोल्ड मेडल जीता  l गजब की पहलवान है साक्षी मलिक, दीपा कर्माकर की उपलब्धि का कौन नहीं कायल l प्रथम भारतीय मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम, अपना लोहा मनवाने में नहीं पीछे चंदा कोचर  l इरोम चानू शर्मिला गांधीवादी समाज सेविका , मैत्रेई और गार्गी सी विद्वान्  भी तो हैं बेटियाँ l चेन्नम्मा,लक्ष्मीबाई,सुचेता कृपलानी,सरोजनी नायडू, कम नहीं है मेरे भारत में ऐसी महान बेटियाँ l रचती आई हैं युगों-युगों से ये गौरवमय इतिहास, जिनकी नहीं कोई औकात वो उड़ाते इनका परिहास l कर सके न जब...

दूसरी पहेली

एक पहेली मैं पूछूं,  बूझो और बन जाओ सुजान  l  अंक आठ को लिखो आठ बार,  करके जरा सोच विचार  l  लिखो इस तरह तुम इनको,  योग हो जाए जिनका एक हजार l  जल्दी बूझो यह पहेली,  नहीं तो मानो अपनी हार  l  लोकेश्वरी कश्यप मुंगेली छत्तीसगढ़ 13/02/2023

पहली पहेली

एक पहेली मैं पूछूं, बूझो तो गर हो तुम सुजान l  दस कंकड़ लेकर आओ, इनकी बनाओ पाँच कतार l  कंकड़ जमाओ इस तरह,  चार ही कंकड़ हो हर कतार  l  जल्दी से बूझो यह पहेली,  नहीं तो मानो तुम अपनी  हार l  लोकेश्वरी कश्यप मुंगेली छत्तीसगढ़ 13/02/2023

अंडमान निकोबार द्वीप समूह

💐शीर्षक - अंडमान निकोबार दीप समूह भारत का अंडमान निकोबार द्वीप समूह, भारत से दूर पर भारत के लिए कोहिनूर l   नीले सागर से यह द्वीप समूह घिरा हुआ, है मनभावन प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर  l है भारत का एक केंद्र शासित प्रदेश, चाहे रहो अपनो से इतने भी  दूर  l जुड़े रहो सदा अपने परिवार से, देता है सबको यह सुंदर सा संदेश  l इसमें 572 छोटे बड़े द्वीप समूह है l कुछ में बसते लोग कुछ वीरान है  l सबसे बड़ा शहर है पोर्ट ब्लेयर, पोर्ट ब्लेयर ही इसकी राजधानी है  l अनेक यहां पर  बोली जाती बोलियाँ, पर हिंदी,अंग्रेजी इसकी राजभाषा है  l पश्चिम में इसके है बंगाल की खाड़ी l पूर्व में विशाल हिंद महासागर लहराता है l अंग्रेजी शासन काल में क्रांतिकारियों को, यहाँ काला पानी का सजा दिया जाता था  l शुभाष चंद्र बोस ने 30 दिसंबर 1943 को, देश में पहली बार यही तिरंगा लहराया था l लोकेश्वरी कश्यप मुंगेली छत्तीसगढ़ 13/02/2023

दादरा नगर हवेली

💐शीर्षक- दादरा नगर हवेली दमन और दीव केंद्र शासित प्रदेश का, दादरा और नगर हवेली है जिला  l जिले का मुख्यालय है सिलवासा, हिंदी,गुजराती,मराठी है इसकी भाषा l 11 अगस्त 1961 को हुआ गठन, यह था पहले केंद्र शासित प्रदेश रहा l दादरा,नगर हवेली, दमन और दीव, दमन और दीव केंद्र शासित प्रदेश का भाग है l गुजरात महाराष्ट्र के मध्य में है बसा, यहां मराठों पुर्तगालियों का साम्राज्य रहा  l मुख्यतः आदिवासी है बसे हुए यहाँ, सदा हरे-भरे वनों से सजा यह क्षेत्र रहा  l विविधताओं से भरा है सुन्दर क्षेत्र यह प्यारी दमनगंगा है मुख्य नदी यहां l जो अरब सागर में जाकर है मिलती, पर्यटन क्षेत्र को मिला खूब बढ़ावा यहां l पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु ही तो, तारपा और पतंग उत्सव प्रतिवर्ष मनाते l महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र भी तो है यह, विश्व पर्यटन दिवस बड़े उत्साह से मनाते l लोकेश्वरी कश्यप मुंगेली छत्तीसगढ़ 09/02/2023

नन्हा मिजोरम

💐शीर्षक - नन्हा मिजोरम भारत का उत्तर पूर्वी राज्य मिजोरम, प्राकृतिक सुंदरता से है ये भरपूर  l हरियाली बिखरी दिखती चारों ओर, जहां तक नजरे जाती है दूर-दूर l पर्वतीय प्रदेश है यह प्यारा , सामरिक दृष्टि से है अति महत्वपूर्ण l जैव विविधता से संपन्न राज्य, राजधानी आइजोल है सम्पूर्ण l बस आठ जिलों वाला है यह राज्य, चपचार,मिम कुट यहाँ के प्रमुख त्योहार l वानतांग प्रपात बढ़ाता इसकी शान, खेती किसानी है यहाँ का मुख्य कार्य l छोटा सा यह प्यारा नन्हा राज्य, पूर्वी भारत के सात बहनों में से एक है l विकास के पथ पर आगे बढ़ना, इसका यह उद्देश्य भी तो नेक है l इसके पहाड़ों और जंगलों में दिखती, प्रकृति की अनुपम छटा निराली l सीधे सच्चे भोले भाले लोग यहां के, संस्कृति, रीति रिवाज की करते रखवाली l लोकेश्वरी कश्यप मुंगेली छत्तीसगढ़ 08/02/2023

प्यारा आंध्र प्रदेश

💐शीर्षक - आंध्रप्रदेश भारत का सातवां सबसे बड़ा राज्य, संस्कृत की बेटी तेलुगु जिसकी भाषा l भारत के दक्षिण पूर्वी तट पर स्थित, हमारा प्यारा प्रदेश है यह आंध्रा  l एक नवंबर 1953 को गठन हुआ l छ : राज्यों से यह है घिरा हुआ l शहर विशाखापत्तनम है सबसे बड़ा l गोदावरी कृष्णा नदियां बहती जहां l   ज्योतिर्लिंग मल्लिकार्जुन का वास यहां l भारत का कोहिनूर कहलाता आंध्रा l तिरुपति, वेंकटेश्वर  का निवास यहां l शिल्प में बेजोड़ विजयनगर साम्राज्य यहाँ l है जगत प्रसिद्ध कई हिल स्टेशन यहाँ  l सुंदरता से भरपूर प्राकृतिक स्थल जहाँ  l प्रसिद्ध अमरावती है प्रतावित राजधानी l वर्तमान में हैदराबाद है मुख्य राजधानी l धान,ज्वार, तंबाकू, मूंगफली,कपास,गन्ना, होती पैदावार इनकी जमकर यहां l अभ्रक,मैंगनीज, लोह, चूना पत्थर,कोयला, गोलकुंडा के हीरे की प्रसिद्ध खदान यहाँ l ऐतिहासिक धरोहरों को खुद में समेटे, आंध्र प्रदेश की पावन महान भूमि है  l यहाँ कई कुचिपुड़ी नृत्य शैली अनोखी, ऐसा प्यारा अनोखा मेरा आंध्र प्रदेश है l लोकेश्वरी कश्यप मुंगेली छत्तीसगढ़ 08/02/2023

मेहरबानी (लघुकथा )

विधा - लघुकथा शीर्षक - मेहरबानी  आज रिया की तबीयत सुबह से ही खराब थी l मन बहुत बेचैन सा हो रहा था l आज उसका मन काम पर जाने के लिए तैयार नहीं था l पर काम पर जाना भी जरूरी था l आखिर कितने दिन तक छुट्टी लेती वह l अब तो यह रोज का काम हो गया था l 9 महीने पूरे होने को आए थे l अब तो तबीयत ऊपर नीचे होती ही रहती थी l मन मार कर वह काम पर गई l आज उसकी मालकिन मोहनी की गोद भराई की रसम हो रही थी l काफी मेहमान आए हुए थे l हर तरफ चहल-पहल गहमागहमी का माहौल था l ऐसे में रिया का काम बढ़ना भी लाजमी था l जब से आई थी तब से चार राउंड वह बर्तन मांज चुकी थी l और बर्तन थे कि फिर से उतने ही आ जाते थे  l मोहिनी की मां रिया की परेशानी को देखकर बहुत व्यथित हो गई l मन ही मन सोचने लगी बेचारी को इस अवस्था में भी  कितने कष्ट उठाने पड़ रहे हैं l मोहिनी को आज के लिए कुछ और लोगों को भी काम पर बुला लेना था l इतना कुछ बेचारी रिया अकेली संभाल रही है l मोहनी की गोद भराई की रस्म बहुत अच्छे तरीके से संपन्न हो गई  l मोहनी ने अपनी मां से कहा कि शाम को जब रिया जाए तो उसे यह चीजें दे देना उसे भी अच्छा लगेगा उसने ...

हाथ जोड़े खड़े

🙏🏻शीर्षक - हाथ जोड़े खड़े धन्य धन्य वह देश वह धरा है , जिस पर तेरे चरण कमल पड़े l तीनों लोगों को तूने नाप लिया, बस एक स्थान पर ही खड़े-खड़े l तुम अनंत तुम हो अंतर्यामी, तुम ही परमानंद के  घन घने l तुम से बड़ा है कौन भला, तूने अभिमानियों के अभिमान हरे l कोई सोच भी ना सके जैसा , ऐसे काम किए हैं तूने बड़े-बड़े l दांव किसी का तुझ पर चलता नहीं, करते तेरे सामने सब हाथ खड़े  l कट कर गिर जाते हैं वे सारे सर, जो तेरे सामने अकड़ कर खड़े l बिना अस्त्र-शस्त्र के ही तूने , भृकुटी मात्र हिला कर युद्ध लड़े l करो हम पर कृपा है दीनदयाल, तेरे दर पर हम कर जोड़ें  खड़े  l वह प्राणी पल में भवसागर तरे l जिस पर तेरी तनिक दया दृष्टि पड़े l लोकेश्वरी कश्यप मुंगेली छत्तीसगढ़ 07/02/2023

G-20

💐विषय - G 20 G -20 जैसा सुन्दर मजबूत मंच मिला l मोदी के जरिए भारत को सच्चा मान मिला l G- 20 में हम एकता की नई परिभाषा गढ़ेंगे l विश्व कों साथ ले विकास पथ पर आगे बढ़ेंगे l भारत अब G- 20 का मान बढ़ाएगा l विश्व गुरु का अपना धर्म निभाएगा  l मोदी को अध्यक्ष बना कर G-20 धन्य हुआ है l G-20 में नवीन चेतना का सुन्दर सृजन हुआ है l मोदी की अध्यक्षता में G-20 नए कीर्तिमान रचेगा l दसों दिशाओं भारतीय नेतृत्व का परचम लहराएगा l लोकेश्वरी कश्यप मुंगेली छत्तीसगढ़ 07/02/2023

(बाल गीत )मेरे प्यारे बेटे

💐बाल गीत शीर्षक - मेरे प्यारे बेटे चांदनी के रथ पे होके सवार, लाएगी चंदा किरणों का हार  l आंगन में उतर आई है चांदनी, खोल घर के बंद कमरों का द्वार l दादी नानी सुनाएगी कहानियां, जिसने होती सुंदर प्यारी परियां  l परिया लगती जादू की पुड़िया, जो करती सुंदर नृत्य,गाती गाना l सोजा मेरे प्यारे मुन्ना राजा , सपने में तेरे परिया आएंगी  l चांद के नगर में प्यारे लल्ला, तुझको खूब सैर कराएंगी l तुझे अपने हाथों से नन्ही परियां, दूध -भात, मालपुए खिलाएगी l मत रो मेरे प्यारे नन्हे कान्हा, लोरी सुनाके तुझको माँ सुलायेगी l पलकें मुंद सोजा मेरे प्यारे बेटे, नैनों में प्यारी निंदिया आएगी  l तेरे नन्हें-नन्हें हाथ पकड़ के, सपनों की दुनिया में ले जाएगी  l लोकेश्वरी कश्यप मुंगेली छत्तीसगढ़ 07/02/2023

लता दीदी

💐शीर्षक - लता दीदी बचपन में देखा पिता को, करते सुरों की साधना  l अपने स्तर पर नन्हीं लता, करने लगी सुर आराधना  l   उसका  रमता गया फिर मन, होने लगा सुरों का संगम l देख कर उसकी सुर आराधना, गदगद पिता रह गए दंग  l जाने क्या था किस्मत में उसकी, रचाया किस्मत ने उसके ऐसा फंद l छोड़ उनको चले गए उनके पिता,   रह गई लता भाई बहनों के  संग l छोटी उम्र में ही जिम्मेदारियों का बोझ लिए , लता लड़ने लगी जिंदगी से जंग  l सुर साधना को बनाकर अपना हथियार, स्वर आराधना में पड़ने न दिया भंग l करती रही वह सदा अथक परिश्रम, सतत अभ्यास कों बनाया जीवन का ढंग  l उसके मधुर सुरों की जादूगरी का, दुनियाँ भर पर चढ़ने लगा अद्भुत रंग l बनाने कई सुन्दर विश्व रिकॉर्ड , रचाए उसने नये - नये कीर्तिमान l स्वर साम्राज्ञी कहलाई लता दीदी, पर कभी किया नहीं तनिक अभिमान l " पद्मविभूषण ", " भारत रत्न " जैसे सुंदर, मिला भारत का  सर्वोच्च नागरिक सम्मान l संघर्षों भरा रहा सारा बचपन का जीवन, कड़ी साधना से बढ़ाया खुद का व देश का मान l क्यों न हो हमें उस लता दीदी पर मान सर झुकाके विश्व करता जिसक...

आदमी

💐शीर्षक - आदमी जाने क्या से क्या हो गया आज का आदमी l मनु की संतान पर मनुष्यता भूल गया आदमी l जाने क्या सच्चे-झूठे सपने सजाता है आदमी l झूठ फरेब में उलझा सबको उलझाता आदमी l अपने मतलब के लिए सबको आजमाता आदमी l मतलब निकल जाने पर नजरे बचाता है आदमी l धन के मद में अक्सर हद से बढ़ जाता आदमी l गैरों की क्या बात अपनों से लड़ जाता आदमी l रोज जाने कितने चेहरे पे चेहरा लगाता आदमी l जाने पुण्य छोड़ के पाप क्यों कमाता है आदमी l बस धन कमाने में दिनभर लगा रहता आदमी l हर पल जीवन को दाव में लगाता है आदमी l पड़ोसी को एक मुस्कान के लिए तरसाता जो, अपने परिवार पर जी भर खुशियां लुटाता आदमी l होता है कुछ और  जताता है कुछ और ही सबको अनेकों  तिकड़म करके लुभाता है आदमी l नियम कानून कायदों को ताक पर रखता है, करता है मनमानी सबको सताता आदमी l जब अपनी बारी आती उसका धैर्य टूट जाता है, जाने कितना हो हल्ला मचाता है यही आदमी l लोकेश्वरी कश्यप जिला मुंगेली छत्तीसगढ़ 06/02/2023