नशे में डूब रहा जग सारा

💐शीर्षक - नशे में डूब रहा जग सारा

नशेड़ी होकर नशे में डुब रहा जग सारा,
नशे से सबको अपना गुलाम बना डाला l
मुर्ख पी रहे घूंट -घूंट कर सब इसको,
नासमझ नशे ने खुद तुझको ही पी डाला l

सिगरेट,बीड़ी,चरस, गांजा को,
मजे से पीते धुआँ उड़ाते हो तुम l
तन को भट्ठी बना, राख करते,
जीवन की धुएँ में उड़ाते हो तुम l


नादानो कब समझोगे,
इस जीवन का तुम मूल्य l
इसके सामने सब कुछ तुच्छ है,
इसकी न बराबरी कोई यह है अतुल्य l


धुएँ के कश में उड़ा न देना ,
रखना सदा इसका ध्यान l
एक बार मिला है यह जो जीवन,
कर लो इसका भरपूर सम्मान  l


सावधान हो त्याग करो तुम नशे का,
नशा को समझो कालकुट समान l
समाज को नशे से रखने को दूर,
आओ चलाएं नशा मुक्ति अभियान l


नशे से हरदम ही होती हानि है,
इस बात का जीवन भर रखो ध्यान  l
प्यारे न बनो  मूर्ख और नादान ,
नशा त्यागो और तुम बनो महान l


लोकेश्वरी कश्यप
मुंगेली छत्तीसगढ़
23/02/2023

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