गुनगुनी धूप
🙏🏻शीर्षक - गुनगुनी धूप सर्दियों में सब को राहत देती, प्यारी लगती गुनगुनी धूप l चाहत रहती सबकी बस यही, मिलती रहे दिन भर गुनगुनी धूप l कड़ाके की ठंड में जब, सिकुड़ने और ठिठुरने लगता l सबका सारा तन - मन तब, बड़ी मधुर लगती गुनगुनी धूप l तरह-तरह के फल व सब्जियां, पौष्टिकता और स्वाद से भरपूर l खेत -खलीहानो में जब पड़ती, सूरज की झीनी गुनगुनी धुन l स्वेटर,कंबल या फिर रजाई, चाहे कितने भी ओढ़ लों भाई l इन सबपे भारी पड़ जाती है, नई नवेली सी गुनगुनी धूप l सबको अपने पास बुलाती, काम - धाम छोड़कर बैठाती l परमाआनंद का एहसास दिलाती, ईश्वर का वरदान गुनगुनी धूप l शांत मन से तुम बैठ जाओ, तन - मन पर स्पर्श पाओ l प्रकृति मुस्काये ऊर्जा संचार पाये , जब जीवो पर पड़े गुनगुनी धूप l लोकेश्वरी कश्यप 21/04/2023