काजल
🙏🏻विषय - काजल
काजल वाले दो नयन,तरसाते दिन - रैन l
सुंदर कोमल दो अधर, करत है मधुर बैन l
करत है मधुर बैन, बजावे सुमधुर मुरली l
छीने सबका चैन,जब भी बंसी अधर लीl
राधिका ऊपर डार, श्याम कालिंदी का जल l
हँसता है दिल खोल,हँसे नैन का काजल l
काजल आँजे श्याम को,मात यशोदा रोज l
कहती नटखट लाल को,बढ़ता मुख का ओज l
बढ़ता मुख का ओज, नहीं लगती बुरी नजर l
मनाओ लल्ला मौज ,इससे होत नहीं असर l
उड़ते काले बाल,लगते घनेरे बादल l
माखन लिपटे गाल,नयनों में सजे काजल l
लोकेश्वरी कश्यप
मुंगेली, छत्तीसगढ़
07/04/2023
काजल वाले दो नयन,तरसाते दिन - रैन l
सुंदर कोमल दो अधर, करत है मधुर बैन l
करत है मधुर बैन, बजावे सुमधुर मुरली l
छीने सबका चैन,जब भी बंसी अधर लीl
राधिका ऊपर डार, श्याम कालिंदी का जल l
हँसता है दिल खोल,हँसे नैन का काजल l
काजल आँजे श्याम को,मात यशोदा रोज l
कहती नटखट लाल को,बढ़ता मुख का ओज l
बढ़ता मुख का ओज, नहीं लगती बुरी नजर l
मनाओ लल्ला मौज ,इससे होत नहीं असर l
उड़ते काले बाल,लगते घनेरे बादल l
माखन लिपटे गाल,नयनों में सजे काजल l
लोकेश्वरी कश्यप
मुंगेली, छत्तीसगढ़
07/04/2023
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