⏳️ शीर्षक : स्कूली शिक्षा आज व कल में अंतर परिवर्तन प्रकृति का नियम है l विकास का आधार भी परिवर्तन ही है l समय के अनुसार प्रत्येक चीज में प्रत्येक कार्य में कुछ ना कुछ परिवर्तन अवश्य होता है l शिक्षा के क्षेत्र में भी हमें परिवर्तन देखने को मिलते हैं lप्राचीन समय और अभी के समय में बहुत ज्यादा शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तन हो गए हैं l शिक्षा व्यक्ति व समाज के विकास का आधार माना जाता है l शिक्षा व्यक्ति को सभ्य, जागरूक, समझदार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है l इसके माध्यम से हमारा बौद्धिक,तार्किक और रचनात्मक विकास ज्यादा तीव्र गति से संभव हो पाता है l शिक्षा का मतलब केवल किताबें पढ़ना लिखना ही नहीं होता है l इसका अर्थ इससे कहीं अधिक और उच्च है l शिक्षा वह है जो हमें संस्कारी, सभ्य,सुसंस्कृत, विवेकी,समझदार, सही गलत में फर्क कर सकने के योग्य, व्यवहार कुशल, विनम्र, सकारात्मकता से परिपूर्ण ऊर्जावान, ज्ञानवान और सभी का आदर और सम्मान करना सिखाती है l हमारे देश में शिक्षा का पौराणिक,ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व शुरू से रहा है l उस समय की आश्रम पद्धति पर आधारित थी l जहां