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दर्द जो टीसते है

दर्द जो टीसते है हिंदू मुस्लिम भाई भाई यह पाठ पढ़ाया हमको किसने?  पीठ में खंजर भोकना या गद्दारी है,  यह क्यों नहीं बताया उनको उसने?  धर्म की रक्षा करना क्या ठेका बस हमारा है?  अपनों को अनदेखा करके हरदम गद्दारों पर जान निसार करते रहे हैं  क्या किसी ने गहराई से ये विचारा है?  शांति, अहिंसा की आड़ में हम को भीरु बनाते रहे   महाराणा पद्मावती के शौर्य को हमसे छुपाते रहे  तुम भी जानते थे असली गद्दार तो तुम ही थे   चुपके चुपके दिमको को घर में घुसाते रहे l  क्यों औरों को बंदूक की गोलियां,फांसी मिलती रही  तुम्हें बस क्यों जेल की आड़ में सुविधा मिलती रही   तुम सदा ही गोदड़ी ओढ़ कर घी खाते रहे   असली देशभक्ति की बलि चुपके चुपके चढ़ाते रहे  शर्म नहीं आई तुम्हें कभी अपने को हिंदुस्तानी कहते   प्रयोग की आड़ में अपनी बेशर्मी का जलवा दिखाते रहे   सौ सौ धिक्कार तुझे और तुझ जैसे लोगों को  जो सदियों  से वर्तमान तक जयचंद का किरदार निभाते रहे   अब भारत में पुनः जाग रही है वीरता जाग  रहे हैं लोग   तुम साबित हुए मेरे प्यारे भारत के लिए कोढ़ का रोग   लोगों के दिल दिमाग से सदा तुम खेलते रहे  मन में नफरत भरे सबसे

रणछोड़दास रबारी (पागी )

🙏🏻एक महान देशभक्त रणछोड़दास पागी/ રણછોડદાસ પગી... 2008 फील्ड मार्शल  मानेक शॉ वेलिंगटन अस्पताल, तमिलनाडु में भर्ती थे। गम्भीर अस्वस्थता तथा अर्धमूर्छा में वे एक नाम अक्सर लेते थे, 'पागी पागी!' डाक्टरों ने एक दिन पूछ दिया “Sir, who is this Paagi?”  सैम साहब ने खुद ही ब्रीफ किया... 1971 भारत युद्ध जीत चुका था, जनरल मानेक शॉ ढाका में थे। आदेश दिया कि पागी को बुलवाओ, डिनर आज उसके साथ करूँगा! हेलिकॉप्टर भेजा गया। हेलिकॉप्टर पर सवार होते समय पागी की एक थैली नीचे रह गई, जिसे उठाने के लिए हेलिकॉप्टर वापस उतारा गया था। अधिकारियों ने नियमानुसार हेलिकॉप्टर में रखने से पहले थैली खोलकर देखी तो दंग रह गए, क्योंकि उसमें दो रोटी, प्याज तथा बेसन का एक पकवान (गाठिया) भर था। डिनर में एक रोटी सैम साहब ने खाई एवं दूसरी पागी ने।  उत्तर गुजरात के सुईगाँव अन्तर्राष्ट्रीय सीमा क्षेत्र की एक border पोस्ट को रणछोड़दास पोस्ट नाम दिया गया। यह पहली बार हुआ कि किसी आम आदमी के नाम पर सेना की कोई पोस्ट हो, साथ ही उनकी मूर्ति भी लगाई गई हो।  पागी यानी 'मार्गदर्शक', गुजराती में 'पगी'/ પગી यानि

युवा है देश की ताकत

💐शीर्षक - युवा है देश की ताकत  लाइक, शेयर, कमेंट, फॉलोअर के जाल में, आज का युवा अपने कर्तव्य पथ से चूक रहा l टिक- टॉक, रिल्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम पर, उलझकर अपनी शक्ति को क्यों भूल रहा l हे युवा खुद को कर लो संयमित तुम जरा, करो तुम हर कार्य का समय निर्धारित l सही समय पर सदा अपना हर काम करो l समय है सबसे अनमोल रतन यह समझो, इसे ना तुम आडम्बरों में घिर बर्बाद करो l तुमसे ही तो है भारत में बड़ी युवा शक्ति, अपना महत्व समझो कल्याण पथ पर बढ़ो l लाख तुम्हें कोई बहकाये,कर्तव्य पथ से डिगाये, अक्ल से काम करो चने के झाड में न चढ़ो l सोशल मिडिया,चोरी, नशे, झूठ, बेईमानी, ऐ है जोंक और दिमाक इनसे सदा  बचके रहो l हमारी युवा शक्ति देख दुनियाँ सारी  जलती है l इसे खोखला करन,हजारों तरह षड्यंत्र रचती है l वसुधैव कुटुंबकम का भाव दिल में बनाये रखना, सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा गर्व से कहना l हम युवा देश की ताकत बने दुश्मनों की आफत, सदा नेक नीयत से काम कर हमें है आगे बढ़ना l लोकेश्वरी कश्यप जिला -मुंगेली छत्तीसगढ़ 21/12/2023

अयोध्या सा नगर हो रघुकुल सा हो घराना

💐शीर्षक - अयोध्या सा नगर हो रघुकुल सा हो घराना अयोध्या सा नगर हो,रघुकुल सा हो घराना  l जहां श्री राम जी का बीता था बचपन सुहाना  l हर जन का मन चाहे उस अयोध्या में बस जाना l जहां गूंजे दिन रात सीताराम के नाम का तराना l राम के नाम का जो जन मधुरस  पी लेता l बन जाता है सदा के लिए राम का दीवाना l अयोध्या के कण - कण नें धरा राम का बना  यहाँ गुंजे सदा राघव के शौर्य,आदर्श का तराना  l जो चाहो सीखे हर बच्चा राम सी मर्यादा निभाना l तो राम का चरित्र जीवन से कभी ना भुलाना l अगर तुम चाहो तन मन की बुराइयों को हराना l तो मन को श्री सीताराम जी के चरणों में लगाना l ओ रे मनवा तू व्यर्थ में खुद को न भटकना l लौ जला के राम नाम की बन जा तू परवाना  l पवित्र रख भाव,भक्ति भाव से राम को बुलाना l सब कुछ छोड़ राम की शरण में सबको है जाना l ए सखियों जरा ढोल,झांझ, मजीरा तो बजाना l मुझे है राम नाम का भजन सबको सुनाना  l राम नाम की है गूंज,दिलों में सबके गुंजना l जरा भाव से सीताराम का जयकारा तो लगाना l लोकेश्वरी कश्यप जिला -मुंगेली छत्तीसगढ़ 21/12/2023

यह तन्हाई

💐शीर्षक - यह तन्हाई    कभी गम में पहाड़ जैसी लगती है l  तो खुशी में कभी अजीज लगती है l यह तन्हाई भी बड़ी अजीब होती है  l  कभी गम में दर्द को बढ़ाती है l  तो खुशी में दिल को धड़काती है l यह तन्हाई भी बड़ी अजीब होती है l  हमें कभी हंसती है,कभी रुलाती है l तो कई पुरानी यादें ताजा कर जाती हैl यह तन्हाई भी बड़ी अजीब होती है l  किसी को मौत की डगर दिखती है l  किसी को जिंदगी की तरफ ले जाती है l यह तन्हाई भी बड़ी अजीब होती है l  कभी खुद को खुद से मिलती है l तो कभी उस रब से बात कराती है l यह तन्हाई भी बड़ी अजीब होती है l  कभी भूले बिसरे किस्से सुनाती है l तो कभी अरमानों भरे सपने सजाती है l  यह तन्हाई भी बड़ी अजीब होती है l कभी हमें अपनों से दूर ले जाती है l तो कभी हमें अपनों से मिलाती है l यह तन्हाई भी बड़ी अजीब होती है l  लोकेश्वरी कश्यप मुंगेली छत्तीसगढ़ 08/11/2023

तुझे ही मांगती हूँ दुआओं में

💐शीर्षक - तुझे ही मांगती हूँ दुआओं में तेरे वजूद की खुशबु बस चुकी है मेरी साँसो में, मैं तन्हा होकर भी कभी तन्हा नहीं रही राहों में l तेरे स्पर्श की कोमलता महसूस होती इन हवाओ में, जहाँ देखु तू ही तू नजर आता है इन फ़िजाओ में l जाने कब आप से तुम बन गए बातों ही बातों में, तेरा अहसास कभी जाता नहीं दिल से वीरान रातो में l कैसे कहूँ भूल चुकी, तेरा जिक्र आ ही जाता है बातों में, मुझमें कहीं अब भी तू बसता है तू नहीं सिर्फ यादों में l एक अजीब सा सुकून मिलने लगा है अब तन्हाइयों में, सच कहती हूँ जब से तू ही तू बस गया है इन निगाहों में l दिल भी मेरा रोता है आसमा के साथ इन बरसातों में, मिट्टी की सौंधी महक सा बसा है तू मेरे अहसासों में l बता तो सही क्यों न मरे,हम तेरी नटखट अदाओं पे, तेरा ही जिक्र,तेरी फिक्र,सदा मिलती है इन आहों में l मुझे है बस तेरी ही आरजू तुझे ही मांगती हूं दुआओं में, बस यही तमन्ना दिल की,मेरी जान निकले कृष्णा तेरी ही बाहों में l लोकेश्वरी कश्यप मुंगेली छत्तीसगढ़ 10/10/2023

FLN छत्तीसगढ़ी गीत

💐FLN छत्तीसगढ़ि गीत (गणित ) चल चल संगी, सब ल गिनबो...2 बड़ा मजा आही, बड़ा मजा आही  मोर हवय एक झन बहिनी, एक झन बहिनी ओ हर बनाथे टू ठन बेनी, दू ठन बेनी चल चल संगी सब ल गिनबो ...2 बड़ा मजा आही, बड़ा मजा आही  मोर घर हवय तीन ठन कुकरा, तीन ठन कुकरा ओ खर हवय तीन ठन कलगी, तीन ठन कलगी चल चल संगी सब ल गिनबो ...2 बड़ा मजा आही, बड़ा मजा आही  हमर घर हवय चार ठन गईया, चार ठन गईया सबके हवय चार चार खूरी, चार चार खूरी चल चल संगी सब ल गिनबो ...2 बड़ा मजा आही, बड़ा मजा आही  हमर अंगना म हवय सुग्घर फूलवारी, सुग्घर फूलवारी पाँच पाँच फूल फूले सबो डारी, सबो डारी चल चल संगी सब ल गिनबो ...2 बड़ा मजा आही, बड़ा मजा आही  मोर मेर हवय छै ठन छतरी, छै ठन छतरी, सुन तो संगी ओ हवय छै रंग वाली छै रंग वाली चल चल संगी सब ल गिनबो ...2 बड़ा मजा आही, बड़ा मजा आही  हमर गाँव म हवय कुकुर कारी कुकुर कारी  आठ आठ पिल्ला वाली, आठ आठ पिल्ला वाली चल चल संगी सब ल गिनबो ...2 बड़ा मजा आही, बड़ा मजा आही  हमर गाँव के तरिया म बड़ पानी, बड़ पानी जेमा हवय नौ झुंड म नौ नौ मछरी, नौ नौ मछरी चल चल संगी सब ल गिनबो ...2 बड़ा मजा आही, बड़ा मजा आही  हमन हवन दस दस संगी द