अयोध्या सा नगर हो रघुकुल सा हो घराना

💐शीर्षक - अयोध्या सा नगर हो रघुकुल सा हो घराना

अयोध्या सा नगर हो,रघुकुल सा हो घराना  l
जहां श्री राम जी का बीता था बचपन सुहाना  l
हर जन का मन चाहे उस अयोध्या में बस जाना l
जहां गूंजे दिन रात सीताराम के नाम का तराना l

राम के नाम का जो जन मधुरस  पी लेता l
बन जाता है सदा के लिए राम का दीवाना l
अयोध्या के कण - कण नें धरा राम का बना 
यहाँ गुंजे सदा राघव के शौर्य,आदर्श का तराना  l

जो चाहो सीखे हर बच्चा राम सी मर्यादा निभाना l
तो राम का चरित्र जीवन से कभी ना भुलाना l
अगर तुम चाहो तन मन की बुराइयों को हराना l
तो मन को श्री सीताराम जी के चरणों में लगाना l


ओ रे मनवा तू व्यर्थ में खुद को न भटकना l
लौ जला के राम नाम की बन जा तू परवाना  l
पवित्र रख भाव,भक्ति भाव से राम को बुलाना l
सब कुछ छोड़ राम की शरण में सबको है जाना l

ए सखियों जरा ढोल,झांझ, मजीरा तो बजाना l
मुझे है राम नाम का भजन सबको सुनाना  l
राम नाम की है गूंज,दिलों में सबके गुंजना l
जरा भाव से सीताराम का जयकारा तो लगाना l


लोकेश्वरी कश्यप
जिला -मुंगेली छत्तीसगढ़
21/12/2023

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