तुझे ही मांगती हूँ दुआओं में
💐शीर्षक - तुझे ही मांगती हूँ दुआओं में
तेरे वजूद की खुशबु बस चुकी है मेरी साँसो में,
मैं तन्हा होकर भी कभी तन्हा नहीं रही राहों में l
तेरे स्पर्श की कोमलता महसूस होती इन हवाओ में,
जहाँ देखु तू ही तू नजर आता है इन फ़िजाओ में l
जाने कब आप से तुम बन गए बातों ही बातों में,
तेरा अहसास कभी जाता नहीं दिल से वीरान रातो में l
कैसे कहूँ भूल चुकी, तेरा जिक्र आ ही जाता है बातों में,
मुझमें कहीं अब भी तू बसता है तू नहीं सिर्फ यादों में l
एक अजीब सा सुकून मिलने लगा है अब तन्हाइयों में,
सच कहती हूँ जब से तू ही तू बस गया है इन निगाहों में l
दिल भी मेरा रोता है आसमा के साथ इन बरसातों में,
मिट्टी की सौंधी महक सा बसा है तू मेरे अहसासों में l
बता तो सही क्यों न मरे,हम तेरी नटखट अदाओं पे,
तेरा ही जिक्र,तेरी फिक्र,सदा मिलती है इन आहों में l
मुझे है बस तेरी ही आरजू तुझे ही मांगती हूं दुआओं में,
बस यही तमन्ना दिल की,मेरी जान निकले कृष्णा तेरी ही बाहों में l
लोकेश्वरी कश्यप
मुंगेली छत्तीसगढ़
10/10/2023
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