यह तन्हाई
💐शीर्षक - यह तन्हाई
कभी गम में पहाड़ जैसी लगती है l
तो खुशी में कभी अजीज लगती है l
यह तन्हाई भी बड़ी अजीब होती है l
कभी गम में दर्द को बढ़ाती है l
तो खुशी में दिल को धड़काती है l
यह तन्हाई भी बड़ी अजीब होती है l
हमें कभी हंसती है,कभी रुलाती है l
तो कई पुरानी यादें ताजा कर जाती हैl
यह तन्हाई भी बड़ी अजीब होती है l
किसी को मौत की डगर दिखती है l
किसी को जिंदगी की तरफ ले जाती है l
यह तन्हाई भी बड़ी अजीब होती है l
कभी खुद को खुद से मिलती है l
तो कभी उस रब से बात कराती है l
यह तन्हाई भी बड़ी अजीब होती है l
कभी भूले बिसरे किस्से सुनाती है l
तो कभी अरमानों भरे सपने सजाती है l
यह तन्हाई भी बड़ी अजीब होती है l
कभी हमें अपनों से दूर ले जाती है l
तो कभी हमें अपनों से मिलाती है l
यह तन्हाई भी बड़ी अजीब होती है l
लोकेश्वरी कश्यप
मुंगेली छत्तीसगढ़
08/11/2023
Comments
Post a Comment