पुनः बन रहा विश्वगुरु

💐शीर्षक -पुनः बन रहा विश्वगुरु

सनातन हैं भारत की संस्कृति और सभ्यता,
भारत से मिला विश्व को वरदान आरोग्यता l
पहुंची सारे जग में यही से संस्कृति सभ्यता,
भारत ने समझाया सबको क्या हैं मानवता l

कोरोना में जब सारा विश्व त्राहिमाम पुकारे,
मेरे भारत ने खुद के साथ सबको संभाला l
भारतिय रीति रिवाजो में छुपे विज्ञान को समझ,
हमारी संस्कृति का लोहा सारे जग ने माना l


कुछ लुटेरों ने इसके वैभव को खूब लूटा,
सभ्यता संस्कृति को मिटाने कसर न छोड़ा l
शिक्षा पद्धति को चुपके से सारा बदल डाला,
आज भारत पुनः आत्मनिर्भरता की ओर मुड़ा l

हर क्षेत्र में भारत सदा से ही अग्रणी रहा,
अपनी परम्पराओं से पुनः जुड़ रहा  भारत l
पुनः से विश्वगुरु बनने की राह में चल पड़ा
अब न रुकेगा भारत,अब न झुकेगा भारत l

कर्मवीरों ने आज कमान संभाल रखी हैं,
फिर स्वर्णिम युग में कदम रख रहा भारत l
दृढ इच्छा शक्ति अदम्य साहस के बल पर,
बढ़ते हुए नया इतिहास लिख रहा भारत l


लोकेश्वरी कश्यप
मुंगेली छत्तीसगढ़
24/09/2023

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