विडंबना
💐विधा - लघुकथा
शीर्षक - विडंबना
आज भाई की हालत को देख कर रश्मि को बहुत तकलीफ हुई l उसे देखकर ऐसा लगा जैसे कि इस दुनिया में उसका कोई नहीं है l लग रहा था कि वह बहुत कुछ कहना चाहता है पर जानती है,उसे यह कहना नहीं आता l उसे बस अपना गुस्सा दिखाना आता है प्यार दिखाना तो उसने कभी सीखा ही नहीं l पर उसकी अनकही बातों को समझना आता है मुझे l
उसका दिल कर रहा था जैसे गले से लगाउ और उसके सिर पर हाथ फेर कर कहुँ की, चुप हो जा, मैं हूं ना तेरी बड़ी दीदी l पर वह ऐसा नहीं कर सकती, आखिर उसी की तरह वह भी तो थीl अपनी ब्यावनाओं को जाने कैसे रोक लेती थी l
बाबूजी के रहते हुए उसकी ऐसी हालत उसने कभी नहीं देखी थी l वह सोच रही थी की "वह तो मुझसे भी ज्यादा बुड्ढा लग रहा है l आंखें धसी धसी गाल पिचके हुए बाल दाढ़ी मूछ सभी पके हुए l एक पल को पिताजी की याद आ गई l उनके रहते कभी मेरे भाई का रुतबा कम नहीं हुआ था l पर आज देखकर ऐसा लग रहा था कि उसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है l
आने के थोड़ी देर बाद उसने कहा था " जल्दी से बांध दे " बच्चे घर पर अकेले हैं उसकी मां अपने भाई के यहां गई है l " उसकी तबीयत भी ठीक नहीं थी l मां ने कहा भी " तबीयत ठीक नहीं है तो रुक जा, कल चले जाना " उसने कहा "नहीं रुक सकता हूं l"
रश्मि को याद है l भाई की शादी के बाद,उसका भाई कभी राखी पर नहीं आया था राखी बंधवाने l एक आध बार आया भी था तो भी उसने राखी नहीं बंधवाई थी कभी l अब तो रश्मि और दोनों बहनों ने उसे राखी बांधना भी छोड़ दिया था l तीनों बहनों के लिए राखी का त्यौहार कभी खुशी लेकर नहीं आया था l सब अपने भाइयों को राखी बांधती थी सभी भाई राखी बंधवाते थे अपनी बहनों से तब ये तीनो बहने एक दूसरे को ही राखी बांध कर अपना राखी त्यौहार मनाती थी l
आज इतने दिनों के बाद राखी पर भाई स्पेशल उन से राखी बंधवाने आया था l जाने क्यों रश्मि को आज सुबह से ही लग रहा था कि वह आएगा l दिल कह रहा था कि आज भाई जरूर आएगा दीमाग कह रहा था क्यों आएगा जब उसे राखी बंधवाना ही नहीं l
रश्मि का भाई आया l उसने अपने भाई को देखा तो कलेजा मुंह को आ गया l यह क्या हालत हो गई है इसकी ? दिल में भावनाओं का समंदर उफान मार रहा था l रश्मि की आंखें भर भर आ रही थी l वह अपने भाई की तरफ देख भी नहीं पा रही थी l उसने अपने जज्बातों को जप्त करके पूछा " घर में सब कैसे हैं? बच्चे कैसे हैं? " और भी इधर उधर की बातें हुई l करीब आधे घंटे के बाद वह जाने के लिए तैयार होने लगा l उसने रश्मि से 2-3 बार कहा भी सब कोई तो बांध रहे हैं उधर और तुम रात 9:30 बजे का मुहूर्त शुभ बता रही हो, कुछ नहीं होता इससे बांध दो ना " रश्मि का कलेजा मुंह को आ गया l उसने मन में सोचा " हे विधाता आज मेरा मेरी ये कैसी परीक्षा लें रहे हो l आज मेरा भाई खुद से राखी बंधवाने आया है और अभी अशुभ मुहूर्त चाल रहा है l कैसे बंधु इसे राखी " रश्मि ने कहा "नहीं भाई मुझे बहुत खुशी हुई की तुझे मेरी याद आई और तु घर आया l लेकिन मैं जानबूझक तेरा अहित सोच भी नहीं सकती l मुझे माफ कर दे अभी मैं तेरी कलाई में राखी नहीं बांध सकती l तु आज रुक जा रात 9 बजे के बाद बांधुगी l "
कुछ समय बाद उसका ब्याई चला गया l रश्मि ने उसके लिए राखी, मिठाई और रोली, तिलक सब बांध दिया शुभ मुहूर्त पर बांध लेना भाई कहकर l भाई के जाने के बाद रश्मि फुट फुट कर रोती रही और ईश्वर से प्रार्थना करती रही हे ईश्वर मेरे भाई को स्वस्थ, दीर्घायु और सुखी होने का आशीर्वाद दीजिये l उसका सदा कल्याण हो, वह सदा प्रसन्न और सुखी रहे, उसके जीवन में सदा मिठास बनी रहे l हमारा रिश्ता अटूट और प्रेमभरा बना रहे l
लोकेश्वरी कश्यप
मुंगेलु छत्तीसगढ़
30/08/2023
शीर्षक - विडंबना
आज भाई की हालत को देख कर रश्मि को बहुत तकलीफ हुई l उसे देखकर ऐसा लगा जैसे कि इस दुनिया में उसका कोई नहीं है l लग रहा था कि वह बहुत कुछ कहना चाहता है पर जानती है,उसे यह कहना नहीं आता l उसे बस अपना गुस्सा दिखाना आता है प्यार दिखाना तो उसने कभी सीखा ही नहीं l पर उसकी अनकही बातों को समझना आता है मुझे l
उसका दिल कर रहा था जैसे गले से लगाउ और उसके सिर पर हाथ फेर कर कहुँ की, चुप हो जा, मैं हूं ना तेरी बड़ी दीदी l पर वह ऐसा नहीं कर सकती, आखिर उसी की तरह वह भी तो थीl अपनी ब्यावनाओं को जाने कैसे रोक लेती थी l
बाबूजी के रहते हुए उसकी ऐसी हालत उसने कभी नहीं देखी थी l वह सोच रही थी की "वह तो मुझसे भी ज्यादा बुड्ढा लग रहा है l आंखें धसी धसी गाल पिचके हुए बाल दाढ़ी मूछ सभी पके हुए l एक पल को पिताजी की याद आ गई l उनके रहते कभी मेरे भाई का रुतबा कम नहीं हुआ था l पर आज देखकर ऐसा लग रहा था कि उसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है l
आने के थोड़ी देर बाद उसने कहा था " जल्दी से बांध दे " बच्चे घर पर अकेले हैं उसकी मां अपने भाई के यहां गई है l " उसकी तबीयत भी ठीक नहीं थी l मां ने कहा भी " तबीयत ठीक नहीं है तो रुक जा, कल चले जाना " उसने कहा "नहीं रुक सकता हूं l"
रश्मि को याद है l भाई की शादी के बाद,उसका भाई कभी राखी पर नहीं आया था राखी बंधवाने l एक आध बार आया भी था तो भी उसने राखी नहीं बंधवाई थी कभी l अब तो रश्मि और दोनों बहनों ने उसे राखी बांधना भी छोड़ दिया था l तीनों बहनों के लिए राखी का त्यौहार कभी खुशी लेकर नहीं आया था l सब अपने भाइयों को राखी बांधती थी सभी भाई राखी बंधवाते थे अपनी बहनों से तब ये तीनो बहने एक दूसरे को ही राखी बांध कर अपना राखी त्यौहार मनाती थी l
आज इतने दिनों के बाद राखी पर भाई स्पेशल उन से राखी बंधवाने आया था l जाने क्यों रश्मि को आज सुबह से ही लग रहा था कि वह आएगा l दिल कह रहा था कि आज भाई जरूर आएगा दीमाग कह रहा था क्यों आएगा जब उसे राखी बंधवाना ही नहीं l
रश्मि का भाई आया l उसने अपने भाई को देखा तो कलेजा मुंह को आ गया l यह क्या हालत हो गई है इसकी ? दिल में भावनाओं का समंदर उफान मार रहा था l रश्मि की आंखें भर भर आ रही थी l वह अपने भाई की तरफ देख भी नहीं पा रही थी l उसने अपने जज्बातों को जप्त करके पूछा " घर में सब कैसे हैं? बच्चे कैसे हैं? " और भी इधर उधर की बातें हुई l करीब आधे घंटे के बाद वह जाने के लिए तैयार होने लगा l उसने रश्मि से 2-3 बार कहा भी सब कोई तो बांध रहे हैं उधर और तुम रात 9:30 बजे का मुहूर्त शुभ बता रही हो, कुछ नहीं होता इससे बांध दो ना " रश्मि का कलेजा मुंह को आ गया l उसने मन में सोचा " हे विधाता आज मेरा मेरी ये कैसी परीक्षा लें रहे हो l आज मेरा भाई खुद से राखी बंधवाने आया है और अभी अशुभ मुहूर्त चाल रहा है l कैसे बंधु इसे राखी " रश्मि ने कहा "नहीं भाई मुझे बहुत खुशी हुई की तुझे मेरी याद आई और तु घर आया l लेकिन मैं जानबूझक तेरा अहित सोच भी नहीं सकती l मुझे माफ कर दे अभी मैं तेरी कलाई में राखी नहीं बांध सकती l तु आज रुक जा रात 9 बजे के बाद बांधुगी l "
कुछ समय बाद उसका ब्याई चला गया l रश्मि ने उसके लिए राखी, मिठाई और रोली, तिलक सब बांध दिया शुभ मुहूर्त पर बांध लेना भाई कहकर l भाई के जाने के बाद रश्मि फुट फुट कर रोती रही और ईश्वर से प्रार्थना करती रही हे ईश्वर मेरे भाई को स्वस्थ, दीर्घायु और सुखी होने का आशीर्वाद दीजिये l उसका सदा कल्याण हो, वह सदा प्रसन्न और सुखी रहे, उसके जीवन में सदा मिठास बनी रहे l हमारा रिश्ता अटूट और प्रेमभरा बना रहे l
लोकेश्वरी कश्यप
मुंगेलु छत्तीसगढ़
30/08/2023
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