नारी

💐शीर्षक नारी

मात्रा भार 16

नारी की है महिमा भारी,
नारी ऊपर जग बलिहारी l
बेटी,बहन,पत्नी,माता हैं
हर रूप  लगे इसकी न्यारी l

सारे कर्तव्य निभाती हैं,
संभालती सदा घर द्वारी l
थक कर चूर हो जाती कहीं
फिर भी लगती है वह प्यारी  l


लोकेश्वरी कश्यप
मुंगेली छत्तीसगढ़
24/03/2023

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