पिता
💐पिता
पिता जी आपके आशीष की ठंडी छाँव,
अब मूझे कभी कहीं मिलता नहीं l
देख लिया कई शहर और गाँव,
आपका खालीपन कोई भर सकता नहीं l
हमारी हर समस्या का हल,
होता था सदा ही आपके पास l
आपने कभी टूटने ही न दिया था,
हमारे मन आशा,आस्था और विश्वास l
पिता हमारे लिए सच्चे दर्पण थे आप,
हमसे कहते तुम हो मेरा अभिमान l
पिता जी हममें भरते रहे सारी उम्र,
गौरव,आत्मविश्वास और स्वाभिमान l
आपके न रहने से सब फीका और खाली,
मन का एक कोना हो गया है रिक्त l
आपकी गर्विली मुस्कान से खुशी होती दोगुनी,
अब छोटा सा गम भी लगता है अतिरिक्त l
याद आती है पिता जी आपकी हर मुस्कान,
अब कौन रखें मेरे सुख- दुख का ध्यान l
आपके रहते पाया मैंने हर कहीं सम्मान,
अब पहले जैसा नहीं रहा कहीं मेरा मान l
लोकेश्वरी कश्यप
मुंगेली, छत्तीसगढ़
29/03/2023
पिता के नाम.............
पिता जी आपके आशीष की ठंडी छाँव,
अब मूझे कभी कहीं मिलता नहीं l
देख लिया कई शहर और गाँव,
आपका खालीपन कोई भर सकता नहीं l
हमारी हर समस्या का हल,
होता था सदा ही आपके पास l
आपने कभी टूटने ही न दिया था,
हमारे मन आशा,आस्था और विश्वास l
पिता हमारे लिए सच्चे दर्पण थे आप,
हमसे कहते तुम हो मेरा अभिमान l
पिता जी हममें भरते रहे सारी उम्र,
गौरव,आत्मविश्वास और स्वाभिमान l
आपके न रहने से सब फीका और खाली,
मन का एक कोना हो गया है रिक्त l
आपकी गर्विली मुस्कान से खुशी होती दोगुनी,
अब छोटा सा गम भी लगता है अतिरिक्त l
याद आती है पिता जी आपकी हर मुस्कान,
अब कौन रखें मेरे सुख- दुख का ध्यान l
आपके रहते पाया मैंने हर कहीं सम्मान,
अब पहले जैसा नहीं रहा कहीं मेरा मान l
लोकेश्वरी कश्यप
मुंगेली, छत्तीसगढ़
29/03/2023
पिता के नाम.............
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