नारी की महिमा

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नारी की महिमा 
जगत का करती है कल्याण,
नारी को न कभी सताइये l
कभी जो रूठ जाये किसी बात पर,
मनुहार करके उसे प्रेम से मनाइये l

नारी बिन सुना है सारा जहान,
नारी के संग से पूर्णता पाइये l
उसे भी स्वतंत्रता सम्मान देकर,
आत्मसम्मान उसका बढ़ाइये l

सबकी खुशी में ही खुशी ढूंढती ,
उसको खुश रख दूनी खुशी पाइये l
जो भी रिश्ता जो तुमसे है जुड़ा,
नारी के हर रिश्ते का गौरव बढ़ाइये l


बहन,बेटी,सास,बहु,पत्नी,
हर संबंध प्यार से निभाइये l
उनको खिलखिलाती हँसी से,
अपना जीवन महकाइये l

मिला है जो खुशी व सौभाग्य,
नासमझ बन कभी न ठुकराइये l
ममता के ही मूर्तिमान रूप है सारे,
प्रेम भक्ति से इन्हें पुकार के बुलाइये l


लोकेश्वरी कश्यप
मुंगेली छत्तीसगढ़
25/03/2023

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