जगदंबा (दोहा )
💐शीर्षक - जगदम्बा
जगत जननी जगदंबा, माता तुझे प्रणाम l
जगत में कौन न जनता,माता तेरा नाम l
कार्तिक और गणेशा, है तेरे माँ लाल l
हम भी तेरी संतान, हमें भी तु संभाल l
तड़पती है मानवता,हर तरफ भ्रष्टाचार l
मार भगा तु दानवता,ले कालिका अवतार l
तुम हो स्वयं आदिशक्ति, जग की तारणहार l
जगत जननी जगदंबा, माता तुझे प्रणाम l
जगत में कौन न जनता,माता तेरा नाम l
कार्तिक और गणेशा, है तेरे माँ लाल l
हम भी तेरी संतान, हमें भी तु संभाल l
तड़पती है मानवता,हर तरफ भ्रष्टाचार l
मार भगा तु दानवता,ले कालिका अवतार l
तुम हो स्वयं आदिशक्ति, जग की तारणहार l
करते माता सब भक्ति, तुम हो पालनहार l
अष्टसिद्धि और नवनिधि, ज्ञान भक्ति दे दान l
दया कर माँ जगदंबा, अपनी रचना मान l
हम है मूढ़ व दिन दुखी, हमें नहीं कुछ ज्ञान l
कृपा दृष्टि चाहते, करते तेरा ध्यान l
दुर्गा, काली, कुष्मांडा , तेरे अनंत नाम l
कण -कण में समाई माँ,हर कण तेरा धाम l
शिव की शक्ति,माँ तुम हो, देती शक्ति अपार l
हमें माता उबार लो, फंसे हम मझधार l
लोकेश्वरी कश्यप
मुंगेली, छत्तीसगढ़
23/03/2023
मुंगेली, छत्तीसगढ़
23/03/2023
Comments
Post a Comment