भोज (बालगीत )

💐विषय - बालगीत

शीर्षक - भोज

शाम को भोज में जाना है l
जी भरकर सब खाना है l

जिसको जो पसंद आता है l
पेट दबा दबा कर खाता है l

जो भोज में नहीं जाता है l
वो मन में बड़ा पछताता है l

लड्डू, पेड़ा, खीर और पुड़ी,
रसगुल्ला मन ललचाता है l

भोज में जो जल्दी जाता है l
मजे से वो खा पाता है l

जो पहुंचेगा भोज में पीछे l
वो बचा खुचा ही पाता है l


आलू- छोले, मटर - पनीर l
सबको अपने पास बुलाता है l

पंगत में बैठ  भोजन करना l
सच में बड़ा मजा आता है l

लोकेश्वरी कश्यप
मुंगेली, छत्तीसगढ़
01/03/2023

Comments

Popular posts from this blog

( ECCE ) बच्चों में भाषा कौशल का विकास कैसे करें?

ऑनलाइन गेम्स &हमारे आइडियल

नवा शिक्षा नीति (छत्तीसगढ़ी में )