अचार (बालकविता 4.)

💐शीर्षक - अचार

1.
कच्चे कच्चे आम का अचार l
लाता है मेरे मुँह में पानी l
आमों में भर- भर के मसाले,
अचार बनाती है मेरी नानी l


2.
नीबू का अचार मूझे नहीं भाता l
आम का अचार मेरा मन ललचाता l
जब भी अचार खाने को मिलता l
राजा बेटा चटकारे लेकर खाता l

3.
खट्टे - मीठे आमों से बना l
सबको अच्छा लगता है अचार l
रीना, मीना, रामु, राजा,
चाट- चाट कर खाते लेते डकार l

लोकेश्वरी कश्यप
मुंगेली छत्तीसगढ़
18/03/2023

Comments

Popular posts from this blog

स्कूली शिक्षा आज और कल में अंतर

तकदीर का लिखा

प्रतिवेदन श्रंखला (2)