बाल कविता संग्रह 1.
💐शीर्षक - नींबू
गोल-गोल और रस भरे,
हरे -हरे और पीले- पीले l
लगते है बहुत ही खट्टे,
छोटे - बड़े नींबू रसीले l
2. मिर्च
लाल -लाल और हरे -हरे l
कुछ सीधे- कुछ टेढ़े -मेढ़े l
देखो कितने सारे मिर्ची फले l
इन्हें न छूना ये हैं तीखे बड़े l
3. टेलीफोन
ट्रिन ट्रिन बजी टेलीफोन की घंटी l
सुनते ही दौड़ कर आ गया बंटी l
उठाते ही बोला हल्लो बोलो कौन?
उधर से बोल रहीं थी पिंकी आंटी l
4. डलिया
छोटा सा प्यारा डलिया l
रहता सदा यह भरा -भरा l
रखती माँ इसमें फल ढेरों l
आम, अमरुद,केला, संतरा l
5. मिठाई और हलवाई
बर्फी, रबड़ी और रस मलाई l
और भी बहुत कुछ बनाता हलवाई l
लड्डू, पेड़ा, काजू कतली,
बाजार से माँ लेकर के आई l
जलेबी, रसगुल्ला और मिठाई l
गुलाबजामुन में गुलाब कहाँ है भाई?
तरह- तरह के ये मीठे मिठाई l
हलवाई ने सारी दूध से बनाई l
6. रेलगाड़ी
छुक छुक चलती है रेलगाड़ी l
सबको मंजिल पर पहुँचती l
सिटी बजाती चलती जाती l
पटरियों पर लम्बी दौड़ लगाती l
वहाँ से यहाँ, यहाँ से वहाँ जाती l
दुनियाँ भर की सबको सैर कराती l
लोहे से बनी,कोयला / बिजली खाती l
छुक छुक चलती है रेलगाड़ी l
7.चारपाई
चरर्म चर्र बोले है चारपाई l
खटिया भी इसको कहते भाई l
घर में सबके पड़े दिखाई l
चादर डाल इसपे सोते भाई l
खटिया उनकी खड़ी होती है l
जिनकी होती सामत आई l
लोकेश्वरी कश्यप
मुंगेली, छत्तीसगढ़
18/03/2023
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