उपवन (कुंडलियाँ छंद )

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उपवन

उपवन की देख शोभा , मन रहा है हर्षाय l
फूले फूल चुना गये, कलियाँ हैं सकुचाय l
कलियाँ हैं सकुचाय,प्रिय प्रभु को मनावे l
अंत काल से पूर्व, आपका दर्शन पावे l
चरणों में शीष धर,जीवन धन्य हो जावे l
उपवन का हर पुष्प,सावरों के मन भाये l

(सावरों = कृष्ण, भौंरा )

(कुंडलियाँ लिखने का प्रथम प्रयास )

कृपया मार्गदर्शन करे, 🙏🏻💐😊

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