मकर संक्रांति का संदेश

💐शीर्षक - मकर संक्रांति का संदेश


मकर संक्रांति का पर्व पावन l
सूर्य मकर पर शुरू करता गमन l
होने लगे तब रवि उत्तरायण l
नित करे दिनकर को जलार्पण l

काले तिल का भाव से करे दान l
दान की यह परम्परा बनी महान l
बढ़े दानी का जगत में सम्मान l
जब त्यागे नर मान का अभिमान l


तिल और गुड़ करे तन -मन बलिष्ट l
मिटता तन -मन का सारा कलिष्ट l
शीत लहर से जब काँपे तन - मन l
तिल,गुड़ का लड्डू बढ़ाता संबल l


मकर संक्रांति में पतंगबाजी का आयोजन l
करता छोटे- बड़े सबके मन का मनोरंजन l
आकाश में नजर आते बस पतंग ही पतंग l
ऊंची उड़ान भरने का देते सुन्दर आमंत्रण l


आओ करें संक्रांति में मिलकर यह संकल्प l
सेवा,परोपकार,दान -धर्म बने सुख विकल्प l
एक रहें बलिष्ट बने जीवन में मधुर आनंद भरे,
संक्रांति का लड्डू देता हमें यही सुंदर संदेश  l

लोहड़ी,पोंगल,बीहू भेद न इनमें सारे हैं यह एक l
इसके नाम एक नहीं, है अनेक पर पर्व है एक  l
 प्रेम,सौहार्द,एकता संबंधों में गरिमामय मिठास l
 स्वास्थ्य मधुरता उत्साह की छुपी भावना नेक l

लोकेश्वरी कश्यप
मुंगेली छत्तीसगढ़
12/01/2023

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