सरस्वती वंदना

सरस्वती वंदना
 शीर्षक - माता शारदे
माता शारदे


हे माता शारदे,विद्या का सबको तु वरदान दें l
तेरे दर से जाये न कोई खाली,
ज्ञान का तु अपना जादू चला दें l
हे माता शारदे,विद्या का सबको तु वरदान दें l

सबकी बुद्धि को तु सदमार्ग पर लगा दें l
सदविचारों से जीवन उनका महका दें l
हे माता शारदे,विद्या का सबको तु वरदान दें l


कुसंग से अपने बच्चों  को बचाले l
छोड़ दें चलना वे औरों पे अपनी कुचाले l
हे माता शारदे,विद्या का सबको तु वरदान दें l


तु ज्ञानदायनी माता पद्मासन पर विराजे l
कर कृपा मेरी बुद्धि को पद्मासन बना दें l
हे माता शारदे,विद्या का मुझको तु वरदान दें l


कभी मेरा मन व्यर्थ में भटकने न पावे l
सदा तेरे दिखाए सन्मार्ग पर ही जावे l
हे माता शारदे,विद्या का मुझको तु वरदान दें l


हर शब्द तेरा है माता हर संगीत तुझसे l
मेरी रचना को तू अपनी वीणा बना ले l
हे माता शारदे,विद्या का सबको तु वरदान दें l


तन मन सदा ही सबका पुलकित रहे  l
कर कुछ ऐसा परमानंद का आनंद दिला दें l
हे माता शारदे,विद्या का सबको तु वरदान दें l


रचना में सबकी सदा मधुरिता विराजे l
जीवन की बगिया को प्रेमपुष्प से महका दे l
हे माता शारदे,विद्या का सबको तु वरदान दें l


लोकेश्वरी कश्यप
मुंगेली, छत्तीसगढ़
26/1/223

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