प्यारा छत्तीसगढ़

💐शीर्षक - प्यारा छत्तीसगढ़

धरती छत्तीसगढ़ की, है हमारी माता l
यह पावन माटी हमारी भाग्यविधाता l
कहलाती धरा यह,धान का कटोरा l
प्राकृतिक सुंदरता से सदा रहे भरा l


प्राचीनकाल दक्षिणकौशल कहलाता l
इसी धरा की बेटी थी कौशल्या माता l
इसका राम जी से रहा है गहरा नाता l
राजिम छत्तीसगढ़ का प्रयाग कहलाता l

नल,शरभपुरीय,वाकाटक, कलचुरीय,
सोम,नागवंश,गोड़ आदि राजवंशो का,
रहा था समृद्ध शासन यहां पुराना l
छत्तीस गढ़ो से छत्तीसगढ़ नाम पड़ा l


अरपा, पैरी,सोंडूर,शिवनाथ, महानदी,
अनेकों नदियों का सुन्दर विस्तार यहां l
पर्वतों,प्रपातों की प्राकृतिक छटा निराली,
संपदा से भरपूर समृद्धि का साम्राज्य यहां l


प्राचीन जनजातियों का आज भी रैन बसेरा,
आधुनिकीकरण भी पैर यहाँ पसार रहा l
जल, जंगल,अन्न,धन,खनीजों से भरपूर,
छत्तीसगढ़ का खजुराहो भोरमदेव प्रसिद्ध l


बमलेश्वरी,चंद्रहासिनी,दंतेश्वरी, महामाया,
मां के शक्तिपीठों की शक्ति यहां समायी l
यहां के कण-कण में शिव शक्ति का वास l
इस धरा कि मैं वासी यह मेरा सौभाग्य l

लोकेश्वरी कश्यप
मुंगेली छत्तीसगढ़
23/01/2023

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