स्वामी विवेकानंद

💐शीर्षक -  स्वामी विवेकानंद


बंगाल के कायस्थ परिवार में जन्म लिया l
माता मिली ग्रहणी तो पिता वकील मिला  l
माता-पिता से सुंदर सा नरेंद्र नाम मिला l
नरेंद्र को पाकर सबको बड़ा आनंद मिला l

दिन दूनी रात चौगुनी नरेंद्र बढ़ता गया  l
धीरे धीरे कला और धर्म में रुचि बढ़ता गया l
दर्शन और आध्यात्मिकता में मन रमता गया  l
वेद पुराना उपनिषदों में मन लगता गया l



धर्म और दर्शन में मन नित झुकता गया l
इंद्रियों को वश में कर सन्यासी वह बन गया  l
मन उसका परमानंद के आनंद में रम गया l
नाम उसका स्वामी विवेकानंद पड़ गया l

राम कृष्ण परमहंस से तेजस्वी गुरु मिले l
दो दिलों के प्रांगण में मन बगिया खिले l
वेदांत के प्रख्यात आध्यात्मिक गुरु बने l
जिनसे भी मिले उनके तन - मन खिले l


विश्व धर्म महासभा में भारत का प्रतिनिधित्व किया l
सनातन धर्म की महिमा का दिल से गुणगान किया l
प्रथम उद्बोधन वाक्य में ही सबका दिल जीत लिया l
प्रेम,करुणा,मानवता,धर्म दर्शन का उपदेश दिया l


सब जीवो में परमात्मा का ही आभास किया  l
सनातन धर्म का परचम विश्व में लहरा दिया  l
सन्यासी ने सेवा धर्म को जीवन में अपना लिया l
उनतालिस की अल्पायु में जीवन त्याग किया  l



लोकेश्वरी कश्यप
मुंगेली छत्तीसगढ़
12/01/2023

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