सिया के राम
💐शीर्षक - सिया के राम
जिनके सुंदर कमल नयन,
सुंदर,श्याम,सलोने श्री राम l
शांत, सौम्य, अद्भुत चितवन,
परम सुंदरता की खान राम l
शिव धनुष को तोड़कर,
स्वयंवर विजयी बनें श्री राम l
दसों दिशाओं गूंजे जयकारे,
जय सियाराम जय सियाराम l
रूप अनुपम अलौकिक महिमा,
पुलकित हुआ सिया का मन l
गदगद हुए गुरु और माता पिता,
सिया के लिए मिल गए वर राम l
कर वरमाला लिए सिया चली,
धीमी -धीमी चाल सकुचाए मन l
सिया के मन मंदिर में समाए,
नैनो के पट से होकर श्री राम l
जन्म-जन्म के गठबंधन में,
आज पुनः बंध गए सीताराम l
हर जन का चित्त चुराए है,
सियावर राम सीता राम l
सबसे सुंदर, सबसे पावन,
जग में है जिनका नाम l
सुमिरन कर भज ले रे बंदे,
सुबह-शाम सियावर राम l
दिन भर कर तू सारे काम ,
मन में भजता चल सीताराम l
मोक्ष दें, दिलाये परम धाम ,
भव से पार लगाए राम नाम l
लोकेश्वरी कश्यप
मुंगेली, छत्तीसगढ़
12/11/2022
जिनके सुंदर कमल नयन,
सुंदर,श्याम,सलोने श्री राम l
शांत, सौम्य, अद्भुत चितवन,
परम सुंदरता की खान राम l
शिव धनुष को तोड़कर,
स्वयंवर विजयी बनें श्री राम l
दसों दिशाओं गूंजे जयकारे,
जय सियाराम जय सियाराम l
रूप अनुपम अलौकिक महिमा,
पुलकित हुआ सिया का मन l
गदगद हुए गुरु और माता पिता,
सिया के लिए मिल गए वर राम l
कर वरमाला लिए सिया चली,
धीमी -धीमी चाल सकुचाए मन l
सिया के मन मंदिर में समाए,
नैनो के पट से होकर श्री राम l
जन्म-जन्म के गठबंधन में,
आज पुनः बंध गए सीताराम l
हर जन का चित्त चुराए है,
सियावर राम सीता राम l
सबसे सुंदर, सबसे पावन,
जग में है जिनका नाम l
सुमिरन कर भज ले रे बंदे,
सुबह-शाम सियावर राम l
दिन भर कर तू सारे काम ,
मन में भजता चल सीताराम l
मोक्ष दें, दिलाये परम धाम ,
भव से पार लगाए राम नाम l
लोकेश्वरी कश्यप
मुंगेली, छत्तीसगढ़
12/11/2022
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