तारे (बाल कविता )
💐बालगीत
तारे
आसमान में कितने सारे,
देखो तारे प्यारे प्यारे l
चाँद है अपना दूल्हा राजा,
बाराती बनें सारे तारे l
कुछ छोटे तो कुछ बड़े,
सारी रात टिमटिमाते तारे l
भोर होते ही छिप जाते,
रात हुई तो फिर आते तारे l
जाने कितनी दूर से आते,
जाने कितनी दूर रहते तारे l
कहीं गुच्छो में कहीं दूर दूर,
आसमान में बिखरे रहते तारे l
झिलमिल झिलमिल करते,
आकाश में जड़े चाँद सितारे l
गिनते गिनते हम थक जाते,
कभी गिन नहीं पाते सारे तारे l
किसने कहाँ से लाया इनको?
गगन में क्यों चिपकाये तारे l
ऐ नन्हें मुन्हे प्यारे प्यारे तारे,
मुझको प्यारे लगते ऐ तारे l
लोकेश्वरी कश्यप
मुंगेली (छत्तीसगढ़ )
11/10/2022
तारे
आसमान में कितने सारे,
देखो तारे प्यारे प्यारे l
चाँद है अपना दूल्हा राजा,
बाराती बनें सारे तारे l
कुछ छोटे तो कुछ बड़े,
सारी रात टिमटिमाते तारे l
भोर होते ही छिप जाते,
रात हुई तो फिर आते तारे l
जाने कितनी दूर से आते,
जाने कितनी दूर रहते तारे l
कहीं गुच्छो में कहीं दूर दूर,
आसमान में बिखरे रहते तारे l
झिलमिल झिलमिल करते,
आकाश में जड़े चाँद सितारे l
गिनते गिनते हम थक जाते,
कभी गिन नहीं पाते सारे तारे l
किसने कहाँ से लाया इनको?
गगन में क्यों चिपकाये तारे l
ऐ नन्हें मुन्हे प्यारे प्यारे तारे,
मुझको प्यारे लगते ऐ तारे l
लोकेश्वरी कश्यप
मुंगेली (छत्तीसगढ़ )
11/10/2022
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