रंगी दुनियाँ सारी जी

💐विधाता छंद

शीर्षक :  रंगी  दुनियाँ सारी जी


गगरी ले गोपियाँ चली, पायल छनके पांव जी l
लहराये नागन वेणी,कमर बाँध करधनिया जी l
नैनो में आँजे काजल, होठों पर धर मुस्कान जी  l
बलखाती कमर पर रखे,गागर छलके जल धार जी l


जाने क्या बातें करें , हंसती खिलखिलाती  जी l
जब वें गीत गुनगुनाती, भौरों को भी लजती जी l
पुष्प वाटिका जब जाती, तितलियाँ भी शर्माती जी l
अपनी चंचल अदाओं से, मदन मान घटाती जी l


इतनी सी माखन खातिर,मोहन को घुमाती  जी l
जाके  रुख देखे दुनियाँ,कान्हा नाच नचाती जी l
जाके दरस जोगी तरसे,उनको लाड लड़ाती जी l
जब देखा मुख सृष्टि समाई,यशोदा बड़ी घबराई जी l

खूब रंग गुलाल उड़ेंगे, देखो  होली आई जी l
सजे धजे व छैल छबिले, कान्हा की टोली  आइ जी l
राधा उड़ाती गुलाल,श्याम भरे पिचकारी जी l
राधे श्याम के प्रेम में, रंगी दुनियाँ सारी जी l


  लोकेश्वरी कश्यप
मुंगेली (छत्तीसगढ़ )
11/10/2022

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