(बाल कविता )ठंडी हवा

बाल कविता
बच्चों के भावो को व्यक्त करती बाल कविता 

🎉ठंडी हवा चलती है चलती है🎉


कपड़ों को सुखाती है सुखाती है.
 धूल को उड़ाती है उड़ाती है.
ठंडी हवा चलती है चलती है.🎉

 पत्तों को हिलाती है हिलाती है.
 फसलों को लहराती है लहराती है.
 ठंडी हवा चलती है चलती है.🎉

 खुशबू को फैलाती है फैलाती है.
 बदबू को  भी लाती ले जाती है.
 ठंडी हवा चलती है चलती है.🎉

 बगिया को में महकाती है महकाती है.
 कांटो को उलझाती है उलझाती है.
 ठंडी हवा चलती है चलती है.🎉

पेड़ो को भी हिलाती है हिलाती है.
फलों को भी गिराती है गिरती है.
ठंडी हवा चलती है चलती है.🎉


गर्मियों में राहत देती है देती है.
सर्दियों में ठीठुराती है ठिठुराती है.
ठंडी हवा चलती है चलती है.🎉

मेरे गालों को छू जाती जाती है.
मेरे बालो को उड़ाती है उड़ाती है.
ठंडी हवा चलती है चलती है.🎉

मुझे बहुत  अच्छी लगती है लगती है.
जब पसीने को सुखाती है सुखाती है.
ठंडी हवा चलती है चलती है.🎉

29/05/2021स्वरचित कविता 
लोकेश्वरी कश्यप
शासकीय प्राथमिक शाला सिंगारपुर जिला मुंगेली छत्तीसगढ़

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