वेध उत्सव प्रतिवेदन श्रंखला 3
🎯प्रतिवेदन
24/5/2021
NEP पर विशेष चर्चा
प्रेरणा स्त्रोत आदरणीय श्री सुनील मिश्रा सर जी
प्रशिक्षक आदरणीय श्री दिनेश पुरोहित सर जी
मंच संचालन आदरणीय शकुंतला देवांगन मैम जी
कल की चर्चा जो की NEP पर थी. आज आदरणीय दीपेश पुरोहित सर जी के द्वारा उस चर्चा को आगे बढ़ाया गया. जिसमें कि क्रिटिकल थिंकिंग और क्रिएटिव थिंकिंग पर चर्चा की गई.
👉 क्रिटिकल थिंकिंग:- क्रिटिकल थिंकिंग को हम तार्किक सोच भी कह सकते हैं. समस्या आने पर डिसीजन लेना तथा डिसीजन लेने की प्रक्रिया में आने वाले प्रश्नों व तर्कों द्वारा उचित निर्णय लेना ही क्रिटिकल थिंकिंग है. जब हमारे पास विषम परिस्थिति होती है या फिर कोई समस्या आता है तो उस समय उस समस्या पर अपनी समझ बनाना वह उसके विषय में चिंतन की प्रक्रिया को तर्कों द्वारा संतुष्ट करते हुए, निर्णय लेना ही क्रिटिकल थिंकिंग है.
NEP 2020 मैं यह माना गया है कि बच्चों में क्रिटिकल थिंकिंग का विकास करना है. अगर बच्चों में क्रिटिकल थिंकिंग का विकास बेहतर होगा तभी वे 21वी सदी के कौशल को प्राप्त करने में सक्षम होंगे. अतः हमें अपने बच्चों में क्रिटिकल थिंकिंग के विकास के लिए उन्हें उनके स्तर की समस्याओं को खुद हल करने का मौका देना चाहिए. विभिन्न प्रश्नों के द्वारा उन्हें समस्या हल करने की दिशा में अग्रसर किया जा सकता है.
👉 क्रिएटिव थिंकिंग:- किसी कार्य को कितने बेहतर तरीके से किया जा सकता है, और हम उसे कितने बेहतर तरीके से कर सकते हैं. यह सोचना और समस्या का समाधान कुशलतापूर्वक कर पाना ही क्रिएटिव थिंकिंग है. जिसे की सृजनात्मक सोच भी कहते हैं.
मुख्य रूप से चार प्रकार के क्रिएटिव थिंकिंग मना गया है.
👉 1. साहित्यिक एवं कलात्मक क्रिएटिविटी.
👉 2. विज्ञान संबंधी क्रिएटिविटी.
👉 3. टेक्नोलॉजी से संबंधित क्रिएटिविटी.
👉 4. लर्निंग या एजुकेशनल क्रिएटिविटी.
मुख्य रूप से साहित्यक या कलात्मक क्रिएटिविटी को ही क्रिएटिविटी माना जाता रहा है. या यूं कहें कि साहित्य और कला में रचनात्मकता को ही क्रिएटिविटी मान लिया गया. किंतु विज्ञान के स्तर में भी हमें काफी क्रिएटिविटी देखने को मिलती हैं. नित नए ज्ञान विज्ञान अवधारणाओं की खोज नित नए अध्याय का सृजन करती हैं. यह भी क्रिएटिविटी ही है. जो चीजों को उन से परे जाकर और बेहतर तरीके से परिभाषित करने की कोशिश मैं लगे रहते हैं. क्योंकि टेक्नोलॉजी का युग है अतः टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी हमें नित नए अविष्कार देखने को मिलते हैं यह अविष्कार भी एक्टिविटी का ही परिणाम है. इसके पश्चात हम बात करते हैं न लर्निंग या एजुकेशनल क्रिएटिविटी की. अगर हम कहें कि लर्निंग के क्षेत्र में भी एजुकेशन के क्षेत्र में भी समय-समय पर काफी क्रिएटिव चीजें लोगों ने की है. किंतु आज के बदलते परिपेक्ष में एवं बढ़ती प्रतिस्पर्धा के युग में एजुकेशन के क्षेत्र में इतनी क्रिएटिविटी पर्याप्त नहीं है. हमें एजुकेशन के क्षेत्र में और भी ज्यादा क्रिएटिव तरीके से कार्य करने की जरूरत है. आज हमारे कई शिक्षक साथी बहुत ही बेहतर तरीके से नए नए तरीकों से बच्चों को शिक्षा देने का कार्य कर रहे हैं यह भी क्रिएटिविटी का ही एक उदाहरण है. पर आवश्यकता इस बात की है कि इसे बड़े पैमाने पर लागू किया जाए. एक शिक्षक होने के नाते हमें बच्चों में भी इस क्रिएटिविटी और क्रिटिकल थिंकिंग का विकास करना है.
जहां हम देखते हैं कि क्रिटिकल थिंकिंग किसी भी समस्या को समझने और उस पर अपने तर्कों द्वारा उचित निर्णय लेने की क्षमता है. वही क्रिएटिव थिंकिंग उस लिए गए निर्णय को कितने बेहतर तरीके से और रचनात्मक रूप से उसे कार्य में परिणित करना है यह दर्शाता है. कहने का तात्पर्य है कि क्रिटिकल थिंकिंग निर्णय लेने की क्षमता है तथा क्रिएटिव थिंकिंग उस निर्णय को बेहतर तरीके से कार्य रूप में परिणत करने की क्षमता है.
दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं. दोनों अलग-अलग होते हुए भी एक दूसरे से गहरे से संबंधित हैं.
NEP 2020 की 3 मुख्य सिद्धांतों पर आधारित है.
👉 1. बुनियादी स्तर:- बुनियादी स्तर में बच्चों में सामान्य साक्षरता एवं संख्या ज्ञान अर्थात गणितीय दक्षता का विकास करने की आवश्यकता पर बल दिया गया है.
👉 2. उच्चतम स्तर :- उच्चतम स्तर में क्रिएटिव और क्रिटिकल थिंकिंग के माध्यम से समस्या का समाधान ढूंढने की कला जब व्यक्तित्व में आ जाएगी तब उसे उच्चतम स्तर माना जाएगा.
👉 3. व्यक्तित्व व भावनात्मक विकास का स्तर:- एनी पिया मानता है कि बच्चों में क्रिटिकल थिंकिंग क्रिएटिव थिंकिंग के साथ-साथ, बच्चों में उच्च व्यक्तित्व के गुण एवं पूर्ण भावनात्मक विकास अत्यंत आवश्यक है. बच्चों में व्यक्तित्व विकास सामाजिक एवं भावनात्मक गुण मिलने पर ही उसकी शिक्षा पूर्ण मानी जाएगी. इन तीनों स्तरों का समुचित समन्वय अत्यंत आवश्यक है.
बच्चे विभिन्न अवधारणाओं को समझे और उसे जीवन में लागू कर पाए यह NEP का मुख्य लक्ष्य है . साथ ही 2040 40 तक ऐसी प्रणाली विकसित करनी होगी जो सभी को समान अवसर प्रदान करें शिक्षा में. शिक्षा का आधार ऐसा हो जो आर्थिक परिदृश्य में अलग अलग ना हो जब हमारे सरकारी स्कूलों में ऐसे उच्चतम व्यक्तित्व के गुणों का विकास होगा छात्र हमारे विद्यालय में जब पढ़कर निकलेंगे तब उनके मन में यहां पढ़ने का पछतावा ना हो. तब हम कह सकते हैं कि बच्चों में उच्चतम स्तर में व्यक्तित्व के गुणों का विकास हुआ है. और यह तभी संभव होगा जब बुनियादी बदलाव का स्तर शिक्षक से शुरू हो.
NEP के मुख्य सिद्धांत
👉 हर बच्चे की विशिष्ट क्षमताओं की स्वीकृति की पहचान व विकास हेतु कार्य करना एवं प्रयास करना.
👉 बुनियादी साक्षरता एवं मूलभूत सीखने प्रतिफल को प्राथमिक महत्व देना.
👉. लचीलापन:- बच्चों को अपनी अपनी प्रतिभा व और रुचियां को चुनने का पर्याप्त अवसर प्राप्त हो.
👉. कला एवं विज्ञान के बीच अलगाव या दूरियां ना हो. अर्थात कला और विज्ञान दोनों को समान महत्व वह आदर की भावना का विकास हो.
👉. ज्ञान की एकता और अखंडता को सुनिश्चित करने के लिए बहु विषयक समग्र शिक्षा की ओर अग्रसर रहें.
👉. शिक्षा को रटंत प्रणाली से मुक्त और केवल परीक्षा के लिए पढ़ाई के स्थान पर समझ पूर्वक अवधारणात्मक समझ पर जोर देना.
👉. नवाचार को प्रोत्साहन देना.
👉. रचनात्मक और तार्किक सोच का विकास.
👉. नैतिकता मानवीय भावनात्मक और संवैधानिक मूल्यों के साथ-साथ लोकतांत्रिक भावना का विकास और सम्मान करना.
बच्चों के ऊपर अपना विचार तो पर नहीं बल्कि उनके विचार भी सुने और उसका सम्मान करें साथ ही उनसे उस विचार के पीछे का तर्क अवश्य जानने की कोशिश करें.
👉. बहुभाषिकता और अध्ययन अध्यापन में भाषा की शक्ति को महत्व व प्रोत्साहन देना.
👉. जीवन कौशल बातचीत समूह कार्य पर जोर देना साथी में लचीलापन को बढ़ावा देना.
👉. सीखने के लिए सतत मूल्यांकन अवलोकन पर जोर.
👉. टेक्नोलॉजी के यथा संभव उपयोग पर जोर देना.
👉. पाठ्यक्रम शिक्षण शास्त्र और नीति में स्थानीय संदर्भ की विविधता और स्थानीय परिवेश के लिए सम्मान वह अपना तो का भाव.
👉. सभी शैक्षिक नियमों की आधारशिला के रूप में पूर्ण समता और समावेशन.
👉. स्कूली शिक्षा से उच्चतर शिक्षा तक सभी स्तरों के शिक्षा में तालमेल.
👉. शैक्षिक प्रणाली की अखंडता पारदर्शिता और संसाधन में कुशलता.
👉. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और विकास के लिए उत्कृष्ट स्तर का शोध एवं कार्य.
👉. भारतीय संस्कृति और गौरव को बनाए रखना वह उसे सुदृढ़ और पल्लवित करना.
👉. एक मजबूत जीवंत सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली में पर्याप्त निवेश.
इस प्रकार से नई शिक्षा नीति 2020 शिक्षा, समाज, संस्कृति,एकता,अखंडता, विज्ञान, तकनीक, समता और समानता, सामाजिक, आर्थिक,मानवीय और भावनात्मक गुणों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है.
लोकेश्वरी कश्यप
जिला मुंगेली छत्तीसगढ़
24/05/2021
Comments
Post a Comment