अधूरा

अधूरा


 मैं रह गई अधूरी,
 रह गई मेरी हर चाहत अधूरी l
 कृष्णा तेरा साथ मिला
 तेरा साथ मिला वह भी अधूरा  l

 मिला प्रेम अधूरा,
 मेरा तेरा साथ अधूरा  l
 अरमान तो बहुत है इस दिल में,
 पर हर अरमान मेरी रह गई अधूरी  l

 सपने देखे थे क्या क्या ना पा लूंगी मैं,
 हौसलों की उड़ान भी भरपूर रही मेरी  l
 पर अपनों ने ही मेरे पंख कुछ इस तरह से कुतरे,
 अधूरे पंखों से परवाज मेरी रह गई अधूरी  l


 कई सुनहरे  सपने सजाए थे इन आंखों में,
 मेरे सारे सपने रह गई अधूरे l
 कुछ वक्त ने भी चाल ऐसी चली,
 किनारे पर आते-आते कश्ती मेरी डूब गई  l

 कृष्णा तू ने साथ दिया तो बहुत मेरा,
 पर तेरा साथ भी मिला मुझे अधूरा l
 तेरे सपने मेरी आंखों में झीलमिलाने लगे,
 दिल में दब के रह गए  मेरे सपने अधूरे l

 प्यार भी मिला तो मिला अधूरा,
 क्या मेरा कोई सपना कभी होगा पूरा  l
 अरमानों की अर्थी कंधे पर उठाये चल रही हूं,
 कृष्णा तेरे साथ बिना मेरी जिंदगी रहेगी अधूरी l

 लोकेश्वरी कश्यप
 जिला मुंगेली छत्तीसगढ़
14/04/2022

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