तुम्हारी यादें
💐शीर्षक - तुम्हारी यादे
हर पल मुझे सताता है तु ओ सांवरे l
बिन तेरे कुछ नहीं भाता है ओ बावरे l
एक जगह क्यों नहीं होता तेरा ठाव रे l
कृष्णा हर पल आती है तुम्हारी याद रेl
सुनकर तेरी मधुर मुरलिया की धुन रे l
मैं तो भूली मोहन अपना सुध - बुध रे l
बंधी चली आती बांधे बिन डोर कोई रे l
कृष्णा हर पल आती है तुम्हारी याद रे l
याद आती है पूनम कि वह मधुमास रे l
वह रात रही सब रातों से कुछ खास रे l
रचाया था जब गोपियों संग महारास रे l
कृष्णा हर पल आती है तुम्हारी याद रे l
जाकर मथुरा भूल गए तुम क्यों गांव रे l
यमुना के घाट, कदंब की शीतल छांव रे l
तुझे पुकारे कान्हा गोकुल के सारे गायें रे l
कृष्णा हर पल आती है तुम्हारी याद रे l
सूख गई गोपियों के असुवन की धार रे l
पड़ी कैसी हम पर विधाता,विरह की मार रे l
तेरे जाने से लुट गया कान्हा,सुख का संसार रे l
कृष्णा हर पल आती है तुम्हारी याद रे l
लोकेश्वरी कश्यप
जिला मुंगेली, छत्तीसगढ़
08/04/2022
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