फाग गीत

💐फाग गीत

जोगीरा सा रा रा रा रा रा 


आई है बसंत की बसंती बहार l
लेकर प्रेम और खुशियों का उपहार l
राधिका सोचे मन में बार-बार l
कैसे रंग लगाऊ मोहन को इस बार lजोगीरा सा रा रा रा रा रा 

लाल, हरे, नीले, पीले और गुलाबी l
रंगों कि छटा अजब निराली l
उड़े अबीर,गुलाल, छूट रही पिचकारी l
सबने एक दूजे पर प्रेम रंग डारी l जोगीरा सा रा रा रा रा रा

अंबर तक उड़ चले सतरंगी गुलाल l
नहीं रहा किसी के मन में कोई मलाल l
बिसरे सबके तन, मन का खयाल l
मस्तानों कि टोलियाँ मचा रही धमाल l जोगीरा सा रा रा रा रा रा


इत ते राधा सखियों संग टोली बनाकर आये l
उत ते लै पिचकारी कान्हा लुक - छिप आये l
कान्हा डारे रंग,राधा सखियों संग लट्ठ चलाये l
मधुर मुस्कान लिए मुख पर मोहन लट्ठ खाये l जोगीरा सा रा रा रा रा रा

सखियों संग राधा चली श्याम को रंगने l
राधा खुद ही रंग गई श्याम के रंग में l
कौन राधा, कौन मोहन ना आये पहचान में l
कोई भेद नहीं, दोनों रंगे एक रंग में l जोगीरा सा रा रा रा रा रा


लोकेश्वरी कश्यप
जिला मुंगेली, छत्तीसगढ़
16/03/2022

Comments

Popular posts from this blog

कुछ विचारणीय प्रश्न और उनके जवाब 1

प्रतिवेदन श्रंखला (2)

दर्द जो टीसते है