खुशियों के रंग राधा मोहन के संग
💐शीर्षक : खुशियों के रंग राधा मोहन के संग
मुस्कुरा कर बोले कान्हा प्यारी राधिका से l
बच के रहना प्यारी राधे होली में अपने मोहन से l
रंग के रहेगा यह कान्हा तुम्हें गुलाल, अबीर से l
बोली राधिका होठों में भरके मधुर मुस्कान l
तुम अब क्या मुझे रंगोंगे मोहन इन रंगों से l
तुम्हारी प्रीत का रंग मुझ पर चढ़ा है पहले से l
मन रंगा है मेरा मोहन सतरंगी प्रेम रंग में l
हरे,पीले,नीले,लाल,गुलाबी रंग अबीर के l
यह तो लगते हैं कान्हा सिर्फ ऊपर में तन के l
मुझे तो भाए बस श्याम रंग प्रीतम के l
जिसने रंगा है मेरे मन,हृदय पटल को l
नटखट कान्हा बोले यू हंसकर राधिका से,
मुझे बहलाओ मत राधे अपनी भोली बातों से l
रंगे बिना छोडूंगा नहीं पिचकारी और गुलाल से l
भर के पिचकारी,एक दूजे पर डारी प्यार से l
भर गया सारा अंबर अबीर गुलाल से l
तन मन तरंगीत हो रहा सबका आनंद से l
धरती अंबर रंग गए राधे मोहन के रंग से l
रंगों का ऐसा रंग चढ़ा चराचर, प्रकृति पुरुष पे l
प्रेम रंग में रंगी दुनिया राधे कृष्णा के संग में l
कौन है राधा कौन है मोहन पहचाने नहीं जाते l
तन और मन रंगा हुआ है सबका रंगों से l
हम भी सीखे इन रंगों के सुंदर त्योहार से l
खुशियों के रंग भरें हम भी सबके जीवन में l
लोकेश्वरी कश्यप
जिला मुंगेली, छत्तीसगढ़
04/03/2022
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