ताजमहल


 *ताजमहल*
 सब महलों से प्यारा एक महल है  l
 नाम है जिसका ताजमहल  l
 आगरा में सजा प्यारा सा ताज है  l
 यह तो महलों का सरताज है  l


 कभी रहा यह  शिव  मंदिर,
इसकी महिमा बनी अमिट l
शिव का जलाभिषेक करती सदा,
प्रमाण,अभी भी टपकती बुँदे l


नष्ट कर सारे प्रमाण, इसे दिया नया नाम l
किसी नें बनवाया और किसी नें कमाया नाम l
अब प्रेम का प्रतीक कहलाता ताज l
बन गया प्रेमियों के दिल का सरताज l


 कहते है बादशाह शहंशाह की,
 बेगम थी एक मुमताज महल  l
 उसकी मृत्यु पर यह कब्र बनाई,
 जिसका नाम अब है ताजमहल  l 


 विश्व विरासत में शामिल है यह,
 सुंदर प्यारा अपना ताजमहल  l
 भारत की शान है हमारा अभिमान है,
 कहलाए प्रेम प्रतीक ऐ ताजमहल l


 चांदनी रात में सौ गुना बढ़ जाती l
इसके सुन्दर रूप की सुंदरता l
अलग अलग रंगों में है नजर आता,
श्वेत संगमरमर से बना  ताजमहल  l



(स्वरचित, मौलिक रचना )

लोकेश्वरी कश्यप
जिला मुंगेली छत्तीसगढ़
07/11/2021

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