अहसास



 *शीर्षक   - एहसास*

 कभी  हमें भीतर तक गुदगुदाते हैं,
 कभी रोमांच से भर देते हैं,
 कितने खुशनुमा होते हैं यह प्रेम भरे एहसास l


 कभी हमें भीतर तक भयभीत करते हैं,
 तन और मन  में एक सिहरन से भर देते हैं,
 कभी-कभी बहुत भयानक होते हैं एहसास  l



 कभी मां की ममता  प्यारी और  न्यारी,
 फूलों ने छुपी खुशबू सी भीनी भीनी,
 कितना खूबसूरत होता है यह वातसल्य का अहसास l


 कभी बारिश की बूंदों सी शीतल,
 इंद्र धनुष के रंगों सी रंगीन,
 कितना प्यारा होता है यह प्रेम का एहसास l


 कभी बिच्छू के डंक सा दर्दनाक,
कभी दम घुटता सा तकलीफ भरा,
सौ - सौ आंसू  रुलाता ये विरह का अहसास l




🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
लोकेश्वरी कश्यप
जिला मुंगेली, छत्तीसगढ़
16/10/2021

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