अहसास
*शीर्षक - एहसास*
कभी हमें भीतर तक गुदगुदाते हैं,
कभी रोमांच से भर देते हैं,
कितने खुशनुमा होते हैं यह प्रेम भरे एहसास l
कभी हमें भीतर तक भयभीत करते हैं,
तन और मन में एक सिहरन से भर देते हैं,
कभी-कभी बहुत भयानक होते हैं एहसास l
कभी मां की ममता प्यारी और न्यारी,
फूलों ने छुपी खुशबू सी भीनी भीनी,
कितना खूबसूरत होता है यह वातसल्य का अहसास l
कभी बारिश की बूंदों सी शीतल,
इंद्र धनुष के रंगों सी रंगीन,
कितना प्यारा होता है यह प्रेम का एहसास l
कभी बिच्छू के डंक सा दर्दनाक,
कभी दम घुटता सा तकलीफ भरा,
सौ - सौ आंसू रुलाता ये विरह का अहसास l
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लोकेश्वरी कश्यप
जिला मुंगेली, छत्तीसगढ़
16/10/2021
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