चरण स्पर्श में निहित विज्ञान

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*हमारी परंपराओं में निहित विज्ञान*

     *चरण स्पर्श में निहित विज्ञान*

 हमारे सनातन हिंदू धर्म में  चरण स्पर्श करके आशीर्वाद लेने की मान्यता आदि काल से चली आ रही है l हमारे ऋषि-मुनियों ने इसे बहुत शोध और अनुभव के बाद जीवन में एक परंपरा के रूप में विकसित किया l अपने से बड़े व्यक्ति का चरण स्पर्श करके आशीर्वाद लेना अति उत्तम माना गया हैl अब वैज्ञानिकों ने भी इसके महत्व को समझा व इसे सही माना है l चरण स्पर्श करने के कई प्रत्यक्ष एवं परोक्ष लाभ है l

*1. सम्मान देना*
 जब हम किसी का चरण स्पर्श करते हैं तो उसे सम्मान दे रहें होते है l जब हम किसी को सम्मान देते हैं तो लोग हम से प्रभावित अवश्य होते हैं l

*2. अहंकार का त्याग*
 चरण छूने का मतलब है श्रद्धा पूर्वक किसी के सामने नतमस्तक होना  l इससे हमारे मन में विनम्रता की भावना आती है एवं अहंकार का शमन होता है l इन्हीं कारणों की वजह से चरण स्पर्श की प्रक्रिया को संस्कार और परंपराओं के रूप में जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाया गया है l

*3. शास्त्र सम्मत*
 शास्त्रों में कहा गया है कि प्रतिदिन अपने से बड़ों का आशीर्वाद प्राप्त करने से आयु,बल,ऊर्जा,शक्ति,विद्या और सौभाग्य में वृद्धि होती है l

*4.लक्ष्य की प्राप्ति में सुगमता*
 शास्त्र व विज्ञान दोनों का मानना है कि  हमारे आसपास सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार की ऊर्जा होती है l जब हम प्रसन्न होते हैं तब हमारे आसपास की सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह हमारी और होता है l इसलिए यदि हम प्रसन्न मन से कोई काम शुरू करते हैं तो वह काम हमें आसान लगता है और सफल हो जाता है l

*5. मन की शक्ति अपार*
 जब हम किसी के चरण स्पर्श करते हैं तो हमें मात्र एक और मानसिक संतुष्टि प्राप्त होती है और आशीर्वाद के बोल प्राप्त होते हैं  l वास्तव में यह आशीर्वाद रूपी वचन ही, हमारी प्रसन्नता व विश्वास  के स्त्रोत बन जाते हैं l

*6.सेहत के लिए लाभप्रद*
 जब हम आगे की तरफ झुक कर, चरण स्पर्श करते हैं तब हमारा सिर नीचे की ओर होता है जिससे कि रक्त का प्रवाह सिर की ओर तेजी से होता है  l हमारे मस्तिष्क को इससे ऑक्सीजन  की अच्छी मात्रा मिलती है l जो हमारे सेहत के लिए फायदेमंद है l

*7. चरण व आचरण का संबंध*
 हम जिनका चरण स्पर्श करते हैं उनके प्रति हम श्रद्धा की भावना रखते हैं और सामने वाला हमारी श्रद्धा की भावना से प्रभावित होकर हमें अपने आशीर्वाद प्रदान करता है  l यहां पर सोचने वाली बात यह है कि, हम एक ऐसे आचरण के व्यक्ति का आशीर्वाद प्राप्त करना है  l कहने का मतलब यह है कि जिसके पास जो होता है वह वही देता है l अगर हम खराब आचरण के व्यक्ति के चरण स्पर्श करेंगे तो उससे हमें खराब आचरण का आशीर्वाद ही जाने अनजाने मिलेगी l यहां पर खराब आचरण का मतलब है नकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होगी l अतः हमें गुणी जनों का ही चरण स्पर्श करना चाहिए l

*8. वैज्ञानिक पक्ष*
 न्यूटन के नियम के अनुसार भी सभी चीजें गुरुत्वाकर्षण के नियम से बंधी हुई हैं l गुरुत्वाकर्षण का भार भी आकर्षित करने वाले की तरफ झुका होता है l इस नियम के अनुसार हमारे सिर को उत्तरी ध्रुव एवं पैर को दक्षिणी ध्रुव माना गया है l इस नियम के अनुसार गुरुत्व ऊर्जा अर्थात चुंबकीय ऊर्जा का प्रवाह उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव की ओर लगातार होते रहता है l यह ऊर्जा हमारे से अर्थात उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव अर्थात हमारे पर की तरफ चलती हैं l इस प्रकार से हमारे पैरों की तरफ ऊर्जा का संचय होते रहता है l जब कोई हमारे चरण स्पर्श करता है तो उसके हाथों के माध्यम से हमारे पैरों की ऊर्जा उसके शरीर में प्रवेश कर जाती हैं l जिसे कि हम चरण स्पर्श कहना कहते हैं l

 इस प्रकार से हम देखते हैं कि चरण स्पर्श करना मात्र एक  दैहिक क्रिया नहीं है बल्कि यह एक वैज्ञानिक प्रक्रिया भी है  l जो हमारे तन - मन और हमारी कार्यप्रणाली को बहुत गहराई से प्रभावित करने का सामर्थ्य रखती है l चाहे धार्मिक तरीके से देखें या वैज्ञानिक तरीके से इसके हमें फायदे ही नजर आते हैं l वैसे भी एक कहावत है "यदि हम सामने वाले को सम्मान देंगे तो बदले में हमें भी सम्मान की प्राप्ति होगी l" और किसी को सम्मान देना तो अच्छी बात है l तो दोस्तों क्यों ना हम सब का सम्मान करें और अपने बच्चों को भी यह परंपरा और संस्कार सिखाये लेकिन बात और उनको इसका वैज्ञानिक पहलू भी अवश्य समझाये, ताकि वे अपनी धार्मिक परंपराओं में निहित विज्ञान को भी समझ पाए, और उसका ह्रदय की गहराई से सम्मान करें l

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 लोकेश्वरी कश्यप
शासकीय प्राथमिक शाला सिंगारपुर जिला मुंगेली छत्तीसगढ़
16/10/2021

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