ओ पिया


दिनाँक 14/10/2021

विद्या :- कविता

शीर्षक :- ओ पिया 

 तुम जो आए मेरे जीवन में,मुझे जीने का मकसद मिल गया l
 मेरे जीवन की बगिया बेजार थी,तुमने अपने प्रेम से इसे गुलशन बना दिया l
ओ पिया........ ओ पिया........


तुम हमसफर क्या बने मेरे, मेरे अरमानो को पंख मिल गये l
तूने आकर मेरे सुने मन में, प्रीत का कमल खिला दिया l
ओ पिया....... ओ पिया.........


मेरी अलसाई निगाहों में, तूने सतरंगी सपने सजा दिए l
मेरी चाहतों के टूटे परों को तूने, परवाज़ दे दिया l
ओ पिया....... ओ पिया.......


तुम सच्चे सखा मेरे , मेरी विपत्तियों में सारथी भी बन गये l
मेरी हर नादानी और गुस्ताखी को, तूने हस कर सह लिया l
ओ पिया..... ओ पिया.......



अब बस ये तमन्ना मेरी, तेरे साथ ही जीना, तेरे साथ ही मरना l
तेरी अच्छाइयों के जादू नें,जाने कब मेरा मन चुरा लिया l
ओ पिया...... ओ  पिया..........


 लोकेश्वरी कश्यप
जिला मुंगेली छत्तीसगढ़

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