लक्षवेध के नुस्खे


लक्षवेध के नुस्खे 

1. विषय मित्र:- इसमें बताया गया कि विषय मित्र आवश्यकतानुसार बनाए जा सकते हैं. विषय मित्र की आवश्यकता बच्चों को PISA स्तर तक ले जाने हेतु सहयोगात्मक होता है. सीखने के प्रतिफल प्राप्त करने में भी सहयोग मिलता है. स्तर अनुसार इसमें बच्चे सीख सकते हैं. यह स्कूल,  घर,  मोहल्ले इत्यादि मैं इनका उपयोग किया जा सकता है.
2. पियर लर्निंग:-
 इसमें बच्चों का दो का समूह बनाया जाता है. पियर लर्निंग में सामान्य स्तर के बच्चों का समूह बनाया जा सकता है. पियरिंग में बच्चे एक दूसरे से सीखते हैं. पियर लर्निंग में बच्चों की सीखने की सिखाने की समान जिम्मेदारी होती है.
3. ग्रुप लर्निंग:-
 इसमें बताया गया कि ग्रुप लर्निंग में तीन चार बच्चों का ग्रुप बनाया जाता है. ग्रुप लर्निंग में 4 से अधिक बच्चों को शामिल नहीं करना चाहिए. ग्रुप लर्निंग ने अलग-अलग स्तर के बच्चे होते हैं एक ही ग्रुप में. ग्रुप लर्निंग में एक सभी बच्चे एक दूसरे को सीखने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. ग्रुप लर्निंग के द्वारा बच्चों में नेतृत्व क्षमता का भी विकास होता है. ग्रुप लर्निंग के द्वारा बच्चे बेहतर तरीके से अपने समस्याओं को साझा कर सकते हैं.
          इस प्रकार आज का प्रशिक्षण बेहद ज्ञानवर्धक, लाभप्रद और ऊर्जावान रहा. प्रशिक्षण के मध्य में तंबोली मैडम का संबोधन और उनके अनुभव काफी अच्छे. बीच-बीच में प्रशिक्षण थी शिक्षक साथियों का भी विचार सुनने को मिला और उनकी जिज्ञासा ए भी सामने आए. जिसका समाधान हमारे मास्टर चैनल के द्वारा किया गया.
               इसके बाद मास्टर चैनल के द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को प्रतिवेदन व असाइनमेंट लिखने के लिए कहा गया. और आज का प्रशिक्षण समाप्त हुआ.


 प्रतिवेदन प्रस्तुतकर्ता
 श्रीमती लोकेश्वरी कश्यप
 शासकीय प्राथमिक शाला सिंगारपुर
 संकुल सेतगंगा
 विकासखंड मुंगेली
 जिला मुंगेली छत्तीसगढ़

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